IPL Auction 2018: पिता मजदूर, खुद शोरूम में गार्ड थे मंजूर अहमद, अब प्रीति जिंटा की टीम से खेलेंगे आईपीएल
कश्मीर के एक छोटे से गांव से निकलकर किंग्स इलेवन पंजाब के ड्रेसिंग रूम तक पहुंचने के लिए मंजूर अहमद डार ने कड़ी मेहनत की। तमाम प्रतियोगिताओं से जूझकर आईपीएल तक पहुंचे डार को प्रीति जिंटा की फ्रेंचाइजी0 किंग्स इलेवन पंजाब ने 20 लाख रूपए में खरीदा। श्रीनगर के एक ऑटोमोबाइल शोरूम में एक प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड के तौर पर काम चुके मंजूर अहमद के लिए यह बहुत बड़ी खुशी है कि उन्हें एक ऐसा प्लैटफॉर्म मिलने जा रहा है जहां से उनकी प्रतिभा को नई पहचान मिलेगी। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान 24 वर्षीय मंजूर अहमद ने कहा “यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है। अपनी खुशी को शब्दों में बयां करना मेरे लिए बहुत मुश्किल है।”
सुगानपोरा गनास्तान गांव के रहने वाले मंजूर अहमद के क्रिकेट के सफर की कहानी बहुत ही प्रेरणा देने वाली है कि कैसे उन्होंने गरीबी और पक्षपात से संघर्ष कर यह मुकाम हासिल किया। मंजूर अहमद ने कहा “केवल मैं ही जानता हूं कि मैंने कितना संघर्ष करके स्टेट क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई थी। मैंने अपनी पूरी जिंदगी मेहनत करके गुजारी है और आज जो मुझे मिला है वह मेरी मेहनत का ही नतीजा है। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण पैसा नहीं बल्कि यह है कि आईपीएल में मुझे शामिल किया गया है। सबसे बड़ी बात तो यही है कि मुझे मेरे संघर्ष का फल मिला है।”
बता दें कि मंजूर अहमद कश्मीर के एकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें इस साल आईपीएल में खेलने का मौका मिला है। उनकी प्रभावित करने वाले कदकाठी के कारण उन्हें लोग पांडव के नाम से बुलाते हैं। मंजूर अहमद ने पिछले साल विजय हजारे ट्रॉफी में जम्मू एंड कश्मीर के लिए अपना पहला क्रिकेट खेला था। एक मजदूर के बेटे मंजूर अहमद ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरु किया था, लेकिन वे सबकी नजरों में उस समय आए जब उन्होंने एक लोकल मैच के दौरान लम्बे छक्के लगाए। इसके बाद उन्हें कश्मीर के सिक्सर मैन के नाम से जाना जाने लगा। नौकरी करने के लिए मंजूर अहमद ने अपना गांव छोड़ दिया था।
बता दें कि मंजूर अहमद कश्मीर के एकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें इस साल आईपीएल में खेलने का मौका मिला है। उनकी प्रभावित करने वाले कदकाठी के कारण उन्हें लोग पांडव के नाम से बुलाते हैं। मंजूर अहमद ने पिछले साल विजय हजारे ट्रॉफी में जम्मू एंड कश्मीर के लिए अपना पहला क्रिकेट खेला था। एक मजदूर के बेटे मंजूर अहमद ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरु किया था, लेकिन वे सबकी नजरों में उस समय आए जब उन्होंने एक लोकल मैच के दौरान लम्बे छक्के लगाए। इसके बाद उन्हें कश्मीर के सिक्सर मैन के नाम से जाना जाने लगा। नौकरी करने के लिए मंजूर अहमद ने अपना गांव छोड़ दिया था।