IRCTC: आज से इस ट्रेन में शीशे की छत, घूमने वाली सीट और हैंगिंग एलसीडी वाले कोच

केंद्रीय रेलवे की तरफ से मुंबई-गोवा रूट पर पारदर्शी विस्‍टाडोम कोच शुरू किए गए हैं। कांच की पारदर्शी छतों वाले इन कोचों में घूमने वाली कुर्सियां, हैंगिंग एलसीडी जैसी सुविधाएं भी हैं। इसके अलावा यात्री अपने चारों तरफ का नजारा भी आसानी से देख पाएंगे। केंद्रीय रेलवे के प्रवक्‍ता सुनील उदासी ने बताया, ”18 सितंबर से दादर और मडगांव के बीच चलने वाली जन शताब्‍दी एक्‍सप्रेस में एक विस्‍टाडोम (ग्‍लास-टॉप) कोच लगाया जाएगा।” उनके मुताबिक, खासतौर पर डिजाइन किया गया यह एयरकंडीशंड विस्‍टाडोम कोच, भाारतीय रेलवे में अपनी तरह का इकलौता है। उदासी ने कहा, ”इस ट्रेन पर यात्रा करने वाले यात्री इस विशेष कोच में रोटेटेबल कुर्सियों पर बैठेंगे व मनोरंजन के लिए हैंगिंग एलसीडी लगी होंगी। 40 सीटों वाले इस कोच की लागत 3.38 करोड़ रुपये है। इसकी सबसे खास बात 360 डिग्री पर घूमने वाली इसकी चौड़ी सीटें हैं जिससे सफर में नजारों का मजा लेने वालों को बेहतरीन अनुभव मिलेगा।

यह खास कोच सितंबर के पहले हफ्ते में केंद्रीय रेलवे ने अपने मुख्‍यालय- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर मंगवाया था। इन कोचों की बुकिंग सभी कम्‍प्‍यूटराइज्‍ड रिजर्वेशन सेंटर्स और IRCTC वेबसाइट के जरिए शुरू हो गई है। उदासी के अनुसार, मॉनसून में यह ट्रेन सप्‍ताह में तीन दिन चलेगी और मॉनसून खत्‍म होने के बाद सप्‍ताह में पांच दिन चलेगी। जन शताब्‍दी एक्‍सप्रेस के दादर से छूटने का समय सुबह 5.25 बजे है और यह उसी दिन शाम 4 बजे तक मडगांव पहुंच जाती है।

विस्‍टाडोम कोचों को चेन्‍नई की द इंटीग्रल कोच फैक्‍ट्री में बनाया गया है। सुनील उदासी के मुताबिक, इन कोचों का किराया शताब्‍दी एक्‍सप्रेस के एक्‍जीक्‍यूटिव क्‍लास जितना होगा। मूल किराए के अतिरिक्‍त रिजर्वेशन चार्ज, जीएसटी और कोई अन्‍य चार्ज जोड़ा जा सकता है। उन्‍होंने कहा, ”इसमें कोई कंसेशन (छूट) नहीं मिलेगी और सभी यात्रियों को पूरा किराया चुकाना होगा। न्‍यूनतम यात्रा दूरी 50 किलोमीटर होगी।”

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