Jallikattu 2018 Live Streaming: मदुरै में जल्लीकट्टू का बड़ा आयोजन, दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण
Jallikattu 2018 Live Streaming Online: दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु में लोकप्रिय जल्लीकट्टू पिछले कुछ वर्षों से लगातार विवादों में रहा है। पशुओं पर क्रूरता को लेकर और बढ़ती घटनाओं के कारण इसपर रोक लगाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। ऐसे में तमिलनाडु के मदुरै जिले के अलंगानल्लूर में आज बुल-रेस का आयोजन हो रहा है। इस आयोजन में 1000 से अधिक बैल और 1241 बैलों को चलाने वाले लोग जल्लीकुट्टू आयोजन में हिस्सा लेंगे। दूरदर्शन का एक चैनल डीडी पोधिगई अलंगानल्लूर में हो रहे जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का सीधा प्रसारण करेगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी समेत डिप्टी पन्रेसेलवम, डीएमके अध्यक्ष एम.के स्टालिन और टीटीवी धिनाकरन के इस आयोजन में सम्मिलत होने की आशंका है।
जल्लीकट्टू बैलों की दौड़ का खेल है। इसका आयोजन जनवरी माह के मध्य में पोंगल के दौरान दक्षिण भारत के तमिलनाडु में किया जाता है। जल्लीकट्टू या सल्लिकट्टू का शाब्दिक अर्थ सल्ली और कट्टू से लिया गया है। सल्ली का अर्थ सोने के सिक्के और कट्टू का अर्थ पैकेज होता है। ये उन सिक्कों के ईनाम से जुड़ा होता है जो बैल के सिंग पर बंधे होते हैं, प्रतिभागी इस ईनाम को पाने के लिए दौड़ते हुए बैलों को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। इस खेल में ऐसे बैल को छोड़ा जाता है जिसे संभालना मुश्किल हो और प्रतिभागी को उसकी पीठ पर चढ़कर सवारी करनी होती है, इसी के साथ बैल के सिंगों पर बंधी लाल झंडी को भी उतारना होता है। वही प्रतिभागी विजेता घोषित होता है जिसने बैल पर सबसे देर तक सवारी की होती है।
जल्लीकट्टू कई वर्षों से विवाद में रहा है, इसका कारण कई प्रतिभागियों को हुई शारीरिक हानि है। 15 जनवरी 2018, सोमवार को मदुरै में एक युवक की मृत्यु जल्लीकट्टू खेल के दौरान हो गई थी। वर्ष 2010 से 2014 के बीच में करीब 17 लोगों की मृत्यु और 1000 से अधिक लोगों को जल्लीकट्टू के दौरान चोट आई थी। हीं पिछले 20 सालों में जल्लीकट्टू की वजह से मरने वालों की संख्या 200 से भी ज्यादा थी। इस वजह से साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ क्रूअलटी टू एनिमल एक्ट के तहत इस खेल को बैन कर दिया था।