जय शाह ने ठोका ‘द वायर’ पर मुकदमा

भाजपा प्रमुख अमित शाह के बेटे जय ने एक खबर को लेकर न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के खिलाफ यहां एक मेट्रोपोलिटन अदालत में सोमवार को आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया। इस खबर में दावा किया गया है कि वर्ष 2014 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद जय की कंपनी के कारोबार में कथित रूप से बेतहाशा वृद्धि हुई। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसके गढ़वी ने आपराधिक दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। शाह ने अपनी याचिका में ‘शर्मनाक, बेहूदा, भ्रमित, अपमानजनक, निंदात्मक और कई अपमानजनक टिप्पणियों वाले एक लेख के जरिए शिकायतकर्ता की मानहानि करने और उसकी प्रतिष्ठा बिगाड़ने के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई’ की अपील की।  इस मामले में सात प्रतिवादी – लेख की लेखिका रोहिणी सिंह, न्यूज पोर्टल के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वर्द्धराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एमके वेणू, प्रबंधक संपादक मोनोबिना गुप्ता, पब्लिक एडिटर पामेला फिलिपोस और ‘द वायर’ का प्रकाशन करने वाली गैर लाभकारी कंपनी फाउंडेशन फॉर इंडीपेंडेंट जर्नलिज्म हैं।

भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि), 109 (उकसाना), 39 (जानबूझकर गंभीर नुकसान पहुंचाना) और 120 बी ( आपराधिक षडयंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने कहा कि वह मामले की शुरुआती जांच पूरी होने के बाद प्रतिवादियों को समन जारी करेगी। न्यायिक जांच के लिए  पर सुनवाई 11 अक्तूबर को होगी और उस दिन लेख के प्रकाशन के बारे में सबसे पहले जय शाह को सूचना देने वाले दो गवाह अपने बयान दर्ज करा सकते हैं।
शाह ने अभी प्रतिवादियों के खिलाफ दीवानी मानहानि का मुकदमा दायर नहीं किया है। उन्होंने पहले घोषणा की थी कि वह 100 करोड़ रुपए की दीवानी मानहानि का मुकदमा भी दायर करेंगे। ‘गोल्डन टच आॅफ जय अमित शाह’ शीर्षक वाले इस लेख के प्रकाशित होने के बाद राजनीतिक तूफान पैदा हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले में जांच की मांग की है जबकि भाजपा ने लेख को मानहानिजनक बताया है।

एएसजी मेहता करेंगे मामले की पैरवी

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमित शाह की ओर से न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में उनका प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता करेंगे। न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनकी कंपनी के कारोबार में 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से भारी वृद्धि दर्ज की गई। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मेहता ने जय का पक्ष अदालत में रखने के लिए उपस्थित होने के संबंध में विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद बाकी पेज 8 पर से अनुमति मांगी और उन्हें इसकी अनुमति मिल गई।

गोयल ने जोर दिया कि इस रिपोर्ट का मकसद अभद्र उल्लेख के जरिए भाजपा और सरकार को बदनाम करना है। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस बारे में तीखा प्रहार करते हुए दावा किया है कि सरकार को इसकी पूरी जानकारी है क्योंकि खबर आने से पहले ही एएसजी को इसकी मंजूरी दी गई, गोयल ने कहा कि इस बारे में जय को एक प्रश्नावली भेजी गई थी।  उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मेरा विश्वास है कि जय को फंसाया गया है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए। इसमें कोई गलत नहीं है कि सर्वश्रेष्ठ वकील उपस्थित हों। अनुमति प्राप्त करने के बाद एएसजी दो निजी पक्षों के मामले में उपस्थित हो सकते हैं। जय अमित शाह ने इस मामले में रिपोर्ट लिखने वाले, संपादक और न्यूज पोर्टल के मालिक समेत सात लोगों के खिलाफ गुजरात की मेट्रोपोलिटन अदालत में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया है।

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