JNU प्रशासन के खिलाफ छात्रों की नारेबाजी- हम लेकर रहेंगे आजादी

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में रविवार (11 फरवरी) रात एक बार फिर से आजादी के नारे सुनाए दिये। जेएनयू कैंपस में रात भर सैकड़ों की संख्या में छात्र आजादी का नारा लगाते रहे। हांलाकि इस बार आजादी के नारे की वजह अलग थी। जेएनयू के छात्र 75 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य बनाने का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि दिसंबर 2017 में जेएनयू प्रशासन ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि विश्वविद्यालय प्रशासन सभी कोर्स के लिए 75 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य करने जा रहा है। जेएनयू के छात्र संगठनों ने प्रशासन के इस कदम को अनावश्यक बताया है। इस मुद्दे को लेकर पिछले एक महीने से आंदोलन चल रहा है। रविवार रात को बड़ी संख्या में कड़ाके की ठंड की ठंड में छात्र-छात्राएं जेएनयू के प्रशासनिक भवन के सामने जुट गये। इस दौरान छात्र-छात्राओं के हाथों में मशालें भी थीं। इस विरोध में यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। छात्र, ‘हम लेके रहेंगे आजादी, तुम कुछ भी कर लो, हम लेके रहेंगे आजादी, हम छीन के लेंगे आजादी, हम कह के लेंगे आजादी,’ जैसे नारे लगाते रहे। इसके अलावा, ‘बायकॉट, बायकॉट जैसे नारे भी लगाये।”

छात्रों के प्रदर्शन पर जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि कुछ छात्र लगभग महीने भर से प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि उपस्थिति के मुद्दे को सुलझाने के लिए JNUSU के नेता विश्वविद्यालय प्रशासन से लगातार बात कर रहे हैं। प्रमोद कुमार ने कहा कि कुछ छात्र अपने सहपाठियों को क्लासरूम बिल्डिंग जाने से रोक रहे हैं और स्कूल भवन का रास्ता बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों के इस कदम की वजह से बाकी छात्रों, बीमार बच्चों और यूनिवर्सिटी आए गेस्ट को गंभीर परेशानी हो रही है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि 10 फरवरी की रात को प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन में तोड़ फोड़ भी किया है, जो बेहद दुखद है। रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने चेतावनी दी है कि अगर छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा तो उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी।

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