असम में एक महिला पत्रकार ने अपनी घाव की तस्वीरें शेयर कर बयां किया पुलिस के पीटने का दर्द

असम की एक महिला पत्रकार ने राज्य की पुलिस पर खुद को बुरी तरह से पीटने का आरोप लगाया है। इस पत्रकार ने दावा किया है कि असम पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा और गोलियां भी चलाई। असम की इस पत्रकार नाम एमी सी लवाबेई है। इस महिला ने अपने साथ मार पीट की तस्वीरों को फेसबुक पर शेयर किया है। एमी ने फेसबुक पर लिखा, “असम पुलिस, हमलोग पत्रकार हैं, और ग्राउंड रिपोर्टिंग करने आए हैं, हमारे पास कोई हथियार नहीं थे, हमारा एक मात्र हथियार कैमरा, कलम और एक नोटपैड था, फिर भी तुमलोगों ने बेरहमी से हमें पीटा और गोलियां चलाई। हमलोगों पर तुमलोगों के इस आक्रामक व्यवहार पर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है, प्रेस पर हमले करना बंद करो।”

एमी ने आगे लिखा है कि अब वक्त आ गया है कि असम और मिजोरम की सरकार विवाद को खत्म करना चाहिए और खून बहाना बंद करना चाहिए। बता दें कि 10 मार्च को असम मिजोरम बॉर्डर पर छात्रों का प्रदर्शन हो रहा था। एमी सी इसी घटना को कवर करने गई थी।एमी ने कहा कि वह आइजोल से सुबह 6 बजे जा रही थी, उसके साथ दूसरे पत्रकार भी मौजूद थे। सभी पत्रकार छात्रों से आगे थे। इसके बाद पुलिस ने कुछ कहा-सुनी हुई, इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

एमी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका पीछा किया और रास्ते में मिलने वाले सभी लोगों को पीटा। एमी को कंधे और उनके पीठ पर गहरी चोट आई है। उन्हें इलाज के लिए बैरबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। एमी ने अपने दूसरे पोस्ट में कहा है कि वह उन लोगों का शुक्रिया अदा करती हैं जिन्होंने उसका समर्थन किया। एमी का कहना है कि उसके शरीर के जख्म तो भर जाएंगे लेकिन भावनात्मक रूप से इस घटना से उबरने में उन्हें समय लगेगा। एमी ने कहा कि वह ठीक होने के बाद फिर से काम पर लौटेगी।

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