अमेरिका में जब एक शख्स ने तोड़ी अदालत की मर्यादा तो जज ने दिलवाए 50 हजार बोल्ट के कई झटके
अमेरिका की न्यायिक बिरादरी में एक जज को जबर्दस्त आलोचना की शिकार होना पड़ रहा है। इस जज ने अदालत की तौहीन करने पर एक दोषी को 50 हजार वोल्ट के इलेक्ट्रिक रॉड से झटके देने का आदेश दिया था। दोषी को इस रॉड से कई झटके दिये गये। जब दोषी पर क्रूरता का ये मामला ऊपरी अदालत में गया तो ब्रेनब्रूक के इस दोषी शख्स के खिलाफ फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया। जज जॉर्ज गैलेहर ने 54 साल के इस दोषी के शख्स टेरी ली मॉरिस को सेक्स के लिए 15 साल की लड़की की मांग करने और उसका इस्तेमाल करने के जुर्म में उसे 2014 में 60 साल की जेल की सजा सुनाई थी। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दोषी शख्स टेरी ली मॉरिस ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत की गरिमा तोड़ी, और जज से बहस किया। इसके बाद जज ने दोषी के पैर में लगे इलेक्ट्रिक रॉड को एक्टिवेट करने का आदेश दिया। अदालत के दस्तावेजों से पता चलता है कि मॉरिस को तीन बार झटके दिये गये।
जब मॉरिस को पहला शॉक दिया गया उसके बाद कोर्टरूम में जज से उसकी बहस हई। जज ने उससे पूछा, “क्या तुम अदालत में अपनी आदत सुधारने जा रहे हो।” इस पर दोषी ने कहा, “मेरा मानिसक बीमारी का मेडिकल इतिहास है।” मॉरिस के पड़ोसी बताते हैं कि वह काफी समय से मानसिक बीमारी से जूझ रहा है। बाद में ऊपरी अदालत ने जज गैलेहर के कदमों को असंवैधानिक बताया और कहा कि जज ने इलेक्ट्रिक झटके का इस्तेमाल सिर्फ अपने पॉवर को दिखाने के लिए किया था।
जस्टिस यवोन्ने रोड्रिग्ज ने लिखा कि एक शख्स को बिजली के झटके देना वो भी इसलिए कि वह जज के मनमाफिक व्यवहार करने पाॉवर का बेजा इस्तेमाल है। जज ने कहा कि यदि ऐसे न्यायिक प्रक्रियाओं पर आपत्ति को बिना सुलझाये ही रहने दिया जाएगा तो खतरा है कि न्यायिक प्रक्रिया बर्बरता की ओर बढ़ जाएगी। हालांकि इस मामले में दोषी के अटॉर्नी ने भी कहा कि उन्होंने भी इलेक्ट्रिक शॉक के इस्तेमाल पर आपत्ति नहीं जताई थी क्योंकि उनका मुवक्किल एक लोडेड तोप की तरह व्यवहार कर रहा था।