7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मियों को मिलेगी 54 फीसदी महंगाई भत्ते की सौगात, कब होगा 8वें वेतन आयोग का गठन?
अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) संख्या पर आधारित वार्षिक मुद्रास्फीति दर अप्रैल 2024 (अप्रैल, 2023 से अधिक) महीने के लिए 4.83 प्रतिशत (अनंतिम) है। ग्रामीण और शहरी के लिए मुद्रास्फीति दर क्रमशः 5.43 प्रतिशत और 4.11 प्रतिशत है।
केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत में चार फीसदी की बढ़ोतरी संभव है। यानी पहली जुलाई से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत की दर 54 फीसदी पर पहुंच जाएगी। मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मियों को 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता ‘डीए’ मिल रहा है। नियम है कि महंगाई भत्ते की दर, पचास फीसदी के पार होते ही सरकार को 8वें वेतन आयोग के गठन पर गंभीरता से विचार करना होगा, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई घोषणा नहीं हुई है। स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.श्रीकुमार का कहना है, कर्मियों के डीए की मौजूदा दर 50 प्रतिशत है। इसमें पहली जुलाई से चार फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी। महंगाई तो लगातार बढ़ रही है। किसी महीने में कुछ प्वाइंट का अंतर आ जाता है, लेकिन जब जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक का चार्ट बनेगा तो उसके आधार पर डीए/डीआर में कम से कम चार फीसदी की बढ़ोतरी होना तय है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद केंद्र सरकार के समक्ष आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग रखी जाएगी।
मार्च अप्रैल में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति …
अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) संख्या पर आधारित वार्षिक मुद्रास्फीति दर अप्रैल 2024 (अप्रैल, 2023 से अधिक) महीने के लिए 4.83 प्रतिशत (अनंतिम) है। ग्रामीण और शहरी के लिए मुद्रास्फीति दर क्रमशः 5.43 प्रतिशत और 4.11 प्रतिशत है। जनवरी, फरवरी और मार्च 2024 के महीनों के लिए सीपीआई क्रमशः 5.10, 5.09 और 4.85 रहा है। शीर्ष पांच समूहों में, ‘कपड़े और जूते’, ‘आवास’ और ‘ईंधन और प्रकाश’ समूहों पर साल-दर-साल मुद्रास्फीति पिछले महीने से कम हुई है। मुद्रा स्फीति के अंतर्गत अप्रैल 2024 में सीपीआई (सामान्य) ग्रामीण क्षेत्र में 5.43 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 4.11 रहा है। संयुक्त प्रतिशत 4.83 है। इसी क्रम में उपभोक्ता खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति (सीएफपीआई) ग्रामीण क्षेत्र में 8.75 और शहरों में 8.56 प्रतिशत रहा है। संयुक्त प्रतिशत 8.70 है। मार्च 2024 में सीपीआई (सामान्य) ग्रामीण क्षेत्र में 5.51 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 4.14 रहा है। संयुक्त प्रतिशत 4.85 है। इसी क्रम में अप्रैल 2024 के लिए उपभोक्ता खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति (सीएफपीआई) ग्रामीण क्षेत्र में 8.75 और शहरों में 8.56 प्रतिशत रहा है। संयुक्त प्रतिशत 8.70 है। मार्च 2024 के लिए शहरी क्षेत्र में सीएफपीआई 8.55 और शहरों में 8.41 प्रतिशत रहा है। संयुक्त प्रतिशत 8.52 है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूचकांक की स्थिति …
अप्रैल 2024 के लिए सूचकांक की बात करें तो अप्रैल 2024 के लिए सीपीआई (सामान्य) ग्रामीण क्षेत्र में 188.5 प्रतिशत, शहरी क्षेत्र में 184.7 और संयुक्त प्रतिशत 186.7 रहा है। सीएफपीआई, ग्रामीण क्षेत्र में 188.9 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 195.4 प्रतिशत रहा है। संयुक्त प्रतिशत 191.2 रहा है। मार्च 2024 अंतिम के लिए सूचकांक की बात करें तो सीपीआई (सामान्य) ग्रामीण क्षेत्र में 187.8 प्रतिशत, शहरी क्षेत्र में 183.6 और संयुक्त प्रतिशत 185.8 रहा है। सीएफपीआई, ग्रामीण क्षेत्र में 187.8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 193.4 प्रतिशत रहा है। संयुक्त प्रतिशत 198.8 रहा है।
इस तरह निकाली जाती है प्रतिक्रिया दर …
साप्ताहिक रोस्टर पर एनएसओ, एमओएसपीआई के फील्ड ऑपरेशंस डिवीजन के फील्ड स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत यात्राओं के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करने वाले चयनित 1114 शहरी बाजारों और 1181 गांवों से मूल्य डेटा एकत्र किया जाता है। अप्रैल 2024 के महीने के दौरान, एनएसओ ने 99.9 प्रतिशत गांवों और 98.5 प्रतिशत शहरी बाजारों से कीमतें एकत्र कीं, जबकि बाजार-वार कीमतें ग्रामीण के लिए 89.8 प्रतिशत और शहरी के लिए 93.2 प्रतिशत थीं।
दिसंबर 2023 में 138.8 अंकों के स्तर पर सूचकांक …
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा 31 जनवरी 2024 को दिसंबर 2023 के लिए जारी अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू में 0.3 अंकों की कमी दर्ज की गई है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 138.8 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.22 प्रतिशत की कमी रही है, जबकि एक वर्ष पूर्व इन्हीं दो महीनों के बीच 0.15 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है। यह संकलन, आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी होता है।
जनवरी में सीपीआई-आईडब्ल्यू 138.9 पर रहा …
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संबद्ध कार्यालय, श्रम ब्यूरो द्वारा देश के 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन किया जाता है। यह सूचकांक 88 केंद्रों और अखिल भारतीय स्तर के लिए संकलित किया जाता है। इस सूचकांक को आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी किया जाता है। जनवरी 2024 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 0.1 अंक बढ़कर 138.9 (एक सौ अड़तीस दशमलव नौ) हो गया था। एक महीने के प्रतिशत परिवर्तन के आधार पर, दिसंबर 2023 की तुलना में इसमें 0.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी महीने के दौरान 0.38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
आवास समूह का रहा सबसे अधिक योगदान …
वर्तमान सूचकांक में वृद्धि में सबसे अधिक योगदान आवास समूह का रहा, जिसने कुल परिवर्तन में 0.48 प्रतिशत अंक का योगदान दिया है। सूचकांक में वृद्धि हाउस रेंट, लेडीज सूटिंग, कैजुअल वियर, कॉटन साड़ी, ऊनी स्वेटर/पुल ओवर, प्लास्टिक/पीवीसी शूज, सिलाई शुल्क/एम्ब्रॉयडरी, तंबाकू, फॉरेन/रिफाइंड शराब, पान मसाला आदि मदों की कीमतों में वृद्धि के कारण रही। हालांकि, इसके विपरीत प्याज, आलू, टमाटर, बैंगन, अदरक, मटर, गोभी, फूलगोभी, फ्रेंच बीन्स, भिंडी, केला, अंगूर, पपीता, अनार, ताजा नारियल, मिट्टी का तेल, चारकोल आदि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित किया। केंद्र-स्तर पर रानीगंज में अधिकतम 4.2 अंक और इसके बाद रामगढ़ में 2.5 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य 7 केंद्रों ने 1 से 1.9 अंक, 38 केंद्रों ने 0.1 से 0.9 अंक की वृद्धि दर्ज की।
गुवाहाटी और त्रिपुरा में अधिकतम 1.7 अंकों की कमी …
इसके विपरीत, गुवाहाटी और त्रिपुरा में अधिकतम 1.7 अंकों की कमी दर्ज की गई। अन्य 7 केंद्रों में 1 से 1.4 अंक और 30 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंकों के बीच कमी दर्ज की गई। बाकी दो केंद्रों का सूचकांक स्थिर रहा। जनवरी 2024 के लिए वर्ष-दर-वर्ष मुद्रास्फीति 4.59 प्रतिशत रही, जबकि दिसंबर 2023 में यह 4.91 प्रतिशत थी। एक वर्ष पहले इसी महीने में यह 6.16 प्रतिशत थी। इसी तरह, खाद्य-स्फीति दर पिछले महीने के 8.18 प्रतिशत की तुलना में 7.66 प्रतिशत रही, जबकि एक वर्ष पहले इसी महीने के दौरान यह 5.69 प्रतिशत थी।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया यह जवाब …
सातवें वेतन आयोग के आधार पर वेतन और भत्तों में संशोधन को अनुमोदन देते समय केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें वेतन आयोग के गठन पर विचार नहीं किया है। गत वर्ष चौधरी ने कहा था, सरकार के पास इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। ‘भारत पेंशनर समाज’ (बीपीएस) ने भी 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग उठाई थी। बीपीएस के महासचिव एससी महेश्वरी ने कहा था, 68वीं एजीएम के दौरान यह प्रस्ताव पास किया गया है कि अविलंब आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए। देश में आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कर्मियों की तरफ से केंद्र सरकार के पास कई तरह के सुझाव आ रहे हैं। इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर एसोसिएशन ‘आईआरटीएसए’ ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पूर्व वेतन आयोगों द्वारा की गई सिफारिशों का हवाला देते हुए अविलंब आठवां वेतन आयोग गठित करने की मांग की है। तीसरे, चौथे और पांचवें सेंट्रल पे कमीशन ‘सीपीसी’ ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों की समय-समय पर समीक्षा करने के लिए स्थायी मशीनरी गठित करने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार को सीपीसी गठित करने के लिए दस वर्ष का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। पीटीआई.