बीजेपी से टिकट नही मिला तो निर्दलीय लड़ने जा रहे एक मठाधीश, दूसरे बोले- धर्म-कर्म पर ध्यान लगाऊंगा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का टिकट न मिलने से श्री गुरुबसावा महामने मठ के बसावानंद स्वामीजी निराश हैं। वहीं उडुपी के शिरूर मठ के वर्तमान प्रमुख श्री लक्ष्मीवरा तीर्थ ने तय किया है कि अगर बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देती तो वह उडुपी से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। बसावानंद स्वामीजी धारवाड़ जिले की कालघटगी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। यहां से बीजेपी ने महेश तेंजिनकई को टिकट दिया है। बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट सामने आने के बाद बसावानंद स्वामी ने कहा है कि वह धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ”टिकट न मिलने से मैं बहुत दुखी हूं। मैं अब समझ गया हूं कि राजनीति मेरे लिए नहीं है।”
दक्षिण कन्नड़ जिले में मौजूद मठों की उतनी पैठ नहीं है जितनी उत्तरी कर्नाटक में देखने को मिलती है। हालांकि लक्ष्मीवरा के चुनाव में उतरने से वोटों का बंटवारा हो सकता है। लक्ष्मीवरा ने कहा, ”चूंकि भाजपा उडुपी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने को मुझे टिकट नहीं देना चाहती, इसलिए मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करूंगा।” वह अपना नामांकन 21 अप्रैल को दाखिल करेंगे।
लक्ष्मीवरा को लगता है कि गांवों में रह रहे लोग विकास से अछूते हैं। उन्होंने कहा कि उनका फोकस ऐसे ही गांवों पर रहेगा। उन्होंने कहा कि वह रोजगार की तलाश में शहर पलायन कर रहे गांववालों पर भी नजर रखना चाहते हैं। धर्मगुरु पिछले महीने उस समय विवादों में आ गए थे जब उन्होंने अष्ट मठों के संतों के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी की थी। जब लक्ष्मीवरा के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी थी।
एक टीवी चैनल ने कथित तौर पर शिरूर के संत की ऑडियो क्लिप चलाई थी जिसमें वह कह रहे थे कि उनके बच्चे हैं और अष्ट मठों की भी संतानें हैं। क्लिप की शुरुआत में वह कहते हैं, ”चूंकि हमें बहुत कम उम्र में संन्यास की तरफ मोड़ा जाता है, हमारी भी इच्छाएं होती हैं।”
हालांकि क्लिप सामने आने के बाद लक्ष्मीवरा ने कहा था कि उन्होंने यह सब नहीं कहा और कोई उनकी आवाज की नकल कर रहा है। उन्होंने इस मामले को अदालत ले जाने की बात भी कही थी।