आख़िरकार कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक के पीले,सफेद और लाल रंग से तैयार अलग झंडे को किया प्रस्तावित
लंबे समय से उठती मांग के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने आखिरकार राज्य के लिए अलग झंडा तैयार कर उसे मंजूरी भी दे दी। अब इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। अगर केंद्र ने रजामंदी दी तो फिर कर्नाटक के लिए पीले,सफेद और लाल रंग से तैयार यह आधिकारिक झंडा हो जाएगा। चुनावी मौसम में सिद्धारमैया सरकार ने राज्य के लिए प्रस्तावित इस झंडे को मीडिया के सामने पेश किया। यह झंडा तीन रंगों से मिलकर बना है. सबसे ऊपर पीला रंग, बीच में सफेद और बीच में सफेट रंग की पट्टी है, जिस पर राज्य सरकार का प्रतीक चिह्न है।
बता दें कि 2008-09 में जब राज्य में भाजपा सरकार रही, तब सबसे पहले राज्य के लिए अलग झंडे की मांग उठी। उस समय अलग झंडे के लिए लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर बीजेपी सरकार ने इसे देश की एकता और अखंडता के खिलाफ बताते हुए विरोध किया था। कर्नाटक में जब कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार बनी तो फिर नए झंडे के लिए आश्वासन दिया गया। पिछले एक साल से झंडे को तैयार करने की कवायद चल रह थी। अब जाकर झंडा तैयार हुआ तो चुनावी सीजन में सिद्धारमैया सरकार ने इसे मीडिया के जरिए जनता के सामने पेश कर दिया। इस झंडे की डिजाइन कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की निगरानी में तय हुई।
माना जाता है कि चुनाव में कांग्रेस राज्य की अस्मिता की लड़ाई बनाना चाहती है। इस नाते राज्य के लिए अलग झंडे को आनन-फानन मंजूरी दी गई। जानकार बताते हैं कि अगर केंद्र सरकार से कर्नाटक के इस ध्वज को मंजूरी दी जाती है तो कर्नाटक जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरा राज्य बन जाएगा, जिसके पास अलग झंडा होगा। अभी एक नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस पर कन्नड़ झंडे को फहराया जाता है। यह झंडा एम एरामामूर्ति ने 1960 के दशक में बनाया था।