कठुआ चार्जशीट में खुलासा: मुसलमानों को बाहर खदेड़ने हेतु 8 लोगों को उकसाकर करवाया था गैंगरेप!

कठुआ में नाबालिग से गैंगरेप और हत्या मामले में दायर चार्जशीट में हर दिन एक नया खुलासा हो रहा है. अब चार्जशीट से ये बात सामने आई है कि मास्टरमाइंड ने बकरवाल समुदाय के मुसलमानों को बाहर खदेड़ने और इस घिनौने अपराध के लिए अपने भतीजे और अन्य 6 लोगों को उकसाया था।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बकरवाल समुदाय मुख्य रूप से चरवाहे का काम करता है। सोमवार (9 अप्रैल, 2018) को कठुआ के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को सौंपी गई इस चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि गैंगरेप का मास्टरमाइंड सांजी राम मामले में निपटारे के खिलाफ था। कठुआ गैंगरेप और हत्या के मास्टरमाइंड सांजी ने जानवरों को चराने के लिए जमीन नहीं देने के लिए हिंदुओं को बकरवाल समुदाय के खिलाफ उकसाया था।

चार्जशीट में आगे कहा गया है कि तहसील में हिंदू समुदाय के बीच आम धारणा थी कि बकरवाल गाय की हत्या और नशीले पदार्थों की तस्करी करने में लगे हैं। इससे उनके समुदाय के लोग नशे के शिकार हो रहे हैं। आरोप पत्र में कहा गया कि इसके चलते हिंदू बकरवाल समुदाय के लोगों को धमकाते थे। सांजी राम दोनों समुदायों के बीच समझौते के खिलाफ था। वह हिंदुओं से कहता था कि बकरवाल समुदाय को भगाने के लिए एक रणनीति तैयार करें। इलाके में दोनों समुदायों के बीच तनाव की वजह से एफआईआर दर्ज कराने के मामले तेजी से बढ़े हैं।

क्राइम ब्रांच की शुरुआती जांच के मुताबिक नाबालिग बच्ची को एक मंदिर में रखा गया। उसे नशीला पदार्थ दिया गया। उसकी हत्या से पहले एक सप्ताह में कई बार गैंगरेप किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर में बंधक बना कर रखी गई आठ वर्षीय बच्ची का बलात्कार करने के लिए एक आरोपी मेरठ से आया था। उससे कहा गया था कि अगर वह अपनी हवस मिटाना चाहता है तो आ जाए। इस दौरान एक अन्य आरोपी पुलिसकर्मी ने नाबालिग की हत्या से पहले कहा कि वह एक बार और उसका रेप करना चाहता है। बाद में अन्य लोगों ने फिर बच्ची का गैंगरेप किया। फिर उसकी हत्या कर दी गई। बच्ची का सिर पर कई बार पत्थर से मारा गया। रेप के आरोपी राम को बचाने के लिए पुलिस को 1.5 लाख रुपए दिए गए थे।

दूसरी तरफ रेप और हत्या के आरोपियों के परिजनों ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। कठुआ में प्रदर्शन कर रहे परिजनों और हिंदू एकता मंच की मांग है कि मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। दूसरी तरफ  जम्मू बार एसोसिएशन ने भी सफाई दी है। बार के अध्यक्ष बीएस सलाठिया का कहना है कि दोषियों को सजा देने के लिए निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा बार के खिलाफ झूठी खबर फैलाई जा रही है। यह जम्मू को सांप्रदायिक रूप से बांटने की कोशिश है।

 

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