कठुआ गैंगरेप केस: वकील ने महिला पुलिस अधिकारी के बारे में कहा- वो लड़की है, कितना दिमाग होगा

कठुआ गैंगरेप मामले में बचाव पक्ष के वकील ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। वकील ने इसी के साथ आठ साल की मासूम की हत्या और गैंगरेप को लेकर पुलिसिया जांच पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। वकील का कहना है कि मामले की जांच का नेतृत्व महिला वकील कर रही हैं। यह मामला उनकी समझ से बाहर ही होगा। जम्मू के वकील अंकुर शर्मा ने एक न्यूज चैनल से कहा, “वह एक महिला हैं। हाल ही में वह अफसर बनी हैं। मुझे लगता है कि उन्हें इस मामले में किसी ने गलत जानकारी दे दी है।”

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के हीनागर जिला स्थित गांव में 10 जनवरी को आठ साल की मासूम को अगवा कर लिया गया था। आरोपियों ने पहले तो बच्ची को नशीली दवाएं देकर उसके साथ गैंगरेप किया, उसके बाद उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद शव को आरोपियों ने पास की झाड़ियों में फेंक दिया था। हत्या और गैंगरेप के इस मामले में कुल आठ लोग आरोपी बनाए गए हैं, जिसमें सरकारी कर्मचारी और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

मामले के लिए क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) टीम का गठन किया गया था। श्वेतांबरी शर्मा इस टीम में इकलौती महिला अफसर थीं। वह इससे पहले भी कई परेशानियों से जूझ रही थीं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि उन्हें जांच में कई अड़चने आई हैं। मंगलवार (17 अप्रैल) को शर्मा ने आगे बताया, “श्वेतांबरी क्या है, लड़की है। उसका कितना ही दिमाग होगा? वह नई अफसर हैं और किसी ने उन्हें झूठे सबूत दिखाकर यकीन दिला दिया होगा कि घटना इस तरह हुई है।”

यही नहीं वकील ने पुलिस अधिकारियों और नौकशाहों को कठपुतलियां बताया। बोला, “अगर महिला अफसर को जांच में इतनी ही मुश्किलें आई थीं तो उन्होंने इस बारे में वरिष्ठों को क्यों नहीं बताया। क्राइम ब्रांच ने जितने भी चश्मदीदों से पूछताछ की, उन सभी को पुलिस ने टॉर्चर किया। ऐसा इसलिए, क्योंकि ने वही बोलें, जो उनसे कहा जाए। 40-50 लोगों ने क्राइम ब्रांच द्वारा टॉर्चर का शिकार होने की बात कबूली है।”

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