केरल में विनाशकारी बाढ़ को देखते हुए सरकार ने घोषित किया ‘गंभीर आपदा’, विस्थापित हुए 11 लाख लोग


केंद्र ने केरल में आयी विनाशकारी बाढ़ को देखते हुए सोमवार (20/08/2019) को ‘‘गंभीर प्रकृति की आपदा‘‘ घोषित किया। दूसरी ओर राज्य के सामने बेघर हुए लाखों लोगों का पुनर्वास और जलजनित बीमारियों को रोकने का काम एक बड़ी चुनौती बन गयी है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में आठ अगस्त के बाद से मानसून के दूसरे चरण में भारी बारिश और बाढ़ के चलते मृतकों की संख्या बढ़कर 223 पर पहुंच गई है। नयी दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन की प्रबलता को देखते हुए यह सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए गंभीर प्रकृति की एक आपदा है।’’ इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित ना करने से राज्य को केंद्र से अधिक वित्तीय और अन्य सहायता नहीं मिल सकेगी। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने बताया कि आठ अगस्त से लेकर अब तक 223 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

उन्होंने तिरुवंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘10.78 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए जिनमें से 2.12 लाख महिलाएं तथा 12 साल की आयु के नीचे के एक लाख बच्चे शामिल हैं। ये 3,200 राहत शिविरों में रह रहे हैं। आज बारिश धीमी पड़ने पर विभिन्न स्थानों से 602 लोग बचाए गए।’’ विजयन ने कहा कि विभिन्न वर्गों से बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भी यही मांग है लेकिन केंद्र ने ऐसी घोषणा करने में कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला दिया है। अब हमें कुल नुकसान का आकलन करने और केंद्र से इसके बराबर मदद मांगने की जरुरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिक आकलन के अनुसार, राज्य को अभी तक करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार ने अभी तक राज्य को हरसंभव मदद दी है। केरल को मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से 210 करोड़ रुपये मिले हैं और 160 करोड़ रुपये का वादा किया गया है।’’ विजयन ने बताया कि सरकार 29 अगस्त को उन मछुआरों को सम्मानित करेगी जिन्होंने बचाव अभियान में भाग लिया।

स्थिति का जायजा लेने के लिए कल यहां सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी। विजयन ने कहा कि कई स्थानों पर जल स्तर कम होने के साथ ही लोगों ने अपने घर लौटना और सफाई अभियान शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने भी उन्हें सफाई की किट बांटने का फैसला किया है। भारतीय मौसम विभाग के तिरुवनंतपुरम केंद्र के निदेशक के. संतोष ने बताया कि सभी अलर्ट वापस ले लिए गए हैं और राज्य में आज केवल हल्की से मध्यम बारिश हुई। अगले पांच दिनों के लिए भी ऐसा ही अनुमान जताया गया है। सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमों का बचाव अभियान जारी है।

सेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी आर सोनी ने तिरुवनंतपुरम में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राहत अभियान अब भी जारी है और जिन क्षेत्रों तक आसान पहुंच नहीं है, वहां फंसे लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सोनी ने कहा कि राहत अभियानों में 1,500 सैन्यकर्मी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मकानों का मलबा हटाने की कोशिशें चल रही है ताकि उन्हें रहने लायक बनाया जा सकें। विजयन ने कहा कि केरल अत्यधिक शक्ति के साथ ‘‘विनाशकारी’’ बाढ़ से उबरने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहा है। सोशल मीडिया पर सरकार के राहत प्रयासों की निंदा करने वाले कुछ संदेशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसी फेसबुक पोस्ट में किसी ने हमें नीचा दिखाने की कोशिश की तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने राष्ट्रीय राजधानी में बताया कि विमानन नियामक डीजीसीए बाढ़ग्रस्त केरल जाने वाली उड़ानों के किराये पर नजर रख रहा है क्योंकि यह ‘‘मानवीय संकट’’ की अनूठी स्थिति है। केरल जल प्राधिकरण और केरल राज्य विद्युत बोर्ड पिछले कई दिनों से पेयजल और बिजली ना होने की समस्या का सामना कर रहे इलाकों में संबंधित आपूर्ति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। कोच्चि स्थित नौसैन्य हवाईअड्डे से आज सुबह तब व्यावसायिक उड़ानें शुरू हो गईं जब यहां बेंगलुरू से एयर इंडिया की पहली उड़ान पहुंची। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री बंदरगाह पर पहुंचनी शुरू हो गई है जिससे कि भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिल सके।

महाराष्ट्र से करीब 100 डॉक्टरों और पैरामेडिकल र्किमयों की एक टीम आज केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए रवाना हुई।इस बीच, भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान ने जिस पैमाने पर ‘‘आॅपरेशन मदद’’ शुरू किया था अब बारिश धीमी पड़ने के बाद उसे कम करना शुरू कर दिया है। एक रक्षा विज्ञप्ति में आज यहां बताया गया कि आज शाम साढ़े चार बजे अभियान के 11वें दिन गोताखोर दलों की संख्या घटाकर 51 कर दी। 41 टीमें बचाव अभियान के बाद लौट आई हैं। विज्ञप्ति में बताया गया कि आज सुबह नौकाओं से 350 लोगों को बचाया गया।

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