महाराणा प्रताप जयंती मनाने को लेकर खूनी तकरार में भीम आर्मी प्रेसीडेंट के भाई की गोली मारकर हत्या
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हालात एक बार फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। हालात बिगड़ने का कारण वो वारदात है जिसमें भीम आर्मी के स्थानीय अध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सचिन को गोली मारने वाले शूटर्स की पहचान अभी नहीं हो सकी है। सचिन को घायल अवस्था में जिला अस्पताल भी ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। बताया गया कि भीम आर्मी ने लोगों को चेतावनी दी थी कि वे महाराणा प्रताप जयंती का उत्सव न मनाएं। लेकिन जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति देते हुए 800 पुलिस कर्मियों की सुरक्षा कार्यक्रम स्थल महाराणा प्रताप भवन के आसपास उपलब्ध करवाई थी।
प्रशासन भीड़ के जमावड़े को लेकर भी बेहद सतर्क था। इसी वजह से कार्यक्रम में सिर्फ 200 निहत्थे लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी। अब सचिन के परिवार का दावा है कि प्रशासन ने उसे महाराणा प्रताप जयंती मनाने की इजाजत देकर मरवा दिया। पिछले साल दलित और राजपूतों के बीच त्योहार मनाने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद के बाद एक शख्स की मौत हुई थी जबकि 16 अन्य घायल हो गए थे। घायलों में पुलिस का हेड कॉन्सिटेबल भी शामिल था।
2017 में, ये तनाव उस वक्त चरम पर पहुंच गया था जब शब्बीरपुर और सिमलाना गांवों में दलित समुदाय ने क्षत्रिय समुदाय की शोभायात्रा के विरोध में प्रदर्शन किया था। गांव के लोगों का कहना था कि शोभायात्रा को बिना स्थानीय प्रशासन की अनुमति के रविदास मन्दिर के बगल से निकाला जा रहा है। इस टकराव के बाद शब्बीरपुर के कई दलितों के घरों को जला दिया गया था। दलित समुदाय ने आरोप लगाया था कि क्षत्रिय समुदाय ने उनके घरों को जलाया है। जबकि क्षत्रिय समुदाय का कहना था कि दलितों ने खाली पड़े कुछ घरों में आग लगाकर उन पर एससी/एसटी एक्ट लगवाने की कोशिश की है।
फिलहाल प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती शान्ति व्यवस्था कायम रखने की है। पूरे सहारनपुर में बड़ी तादाद में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। सदर बाजार थाना क्षेत्र के मल्हीपुर रोड में पुलिसबल की विशेष तैनाती की गई है। इससे पहले पिछले साल के झगड़े के बाद पुलिस ने महाराणा प्रताप जयंती को मनाने की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन क्षत्रिय समुदाय के कैराना उपचुनाव के बहिष्कार की धमकी देने के बाद प्रशासन ने सशर्त अनुमति दे दी थी।