Video: 65 साल बाद अपने दुश्मन से मिलने और बातचीत करने पैदल साउथ कोरिया पहुंचा तानाशाह किम जोंग
दशकों पुरानी दुश्मनी के बाद उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्षों ने शुक्रवार को ऐतिहासिक मुलाकात की। यकीनन यह मुलाकात लंबे समय तक याद रखी जाएगी, क्योंकि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने 1950-53 के कोरियन युद्ध के बाद दक्षिण कोरिया की धरती पर कदम रखा है। इससे पहले भी दोनों देशों के नेताओं की बात हुई है, लेकिन वह 11 साल पहले किसी तीसरे देश में हुई थी। ऐसे में, किम जोंग उन का पहली बार दक्षिण कोरिया आकर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करना दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने में बेहद अहम है। शुक्रवार सुबह 9.30 बजे मुस्कुराते और गर्मजोशी से हाथ मिलाते दोनों देशों के नेताओं ने सीमा रेखा पर स्थित असैन्य इलाके में मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को खत्म करना और उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर पैदा हुई चिंता को दूर करना है। बता दें कि दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे वक्त हो रही है, जब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जल्द ही मुलाकात होने वाली है।
दोनों देशों के बीच सीमा रेखा के पास असैन्य इलाके में मुलाकात के बाद दोनों नेता दक्षिण कोरिया की सीमा में प्रवेश कर गए। जहां किम जोंग उन को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद साउथ पीस हाउस में दोनों नेताओं की निजी मुलाकात हुई। इससे पहले पीस हाउस की गेस्ट बुक में किम जोंग उन ने ऐतिहासिक वाक्य लिखा। किम जोंग उन ने लिखा – ‘एक नए इतिहास की शुरुआत, शांति के एक दौर की शुरुआत’। बताया जा रहा है कि किम जोंग उन और मून जे इन दक्षिण कोरिया के सीमावर्ती गांव पानमुनजोम में यादगार के तौर पर एक पेड़ भी लगाएंगे। वहीं, अमेरिका ने दोनों देशों की मुलाकात पर खुशी जताते हुए कहा है कि इससे इलाके में शांति और समृद्धि आएगी। कुछ समय पहले जिस तरह से उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच वाकयुद्ध चला था और उत्तर कोरिया ने कई परमाणु परीक्षण किए थे, उससे तनाव का माहौल पैदा हो गया था। अब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के नेताओं की मुलाकात इस तनाव को खत्म करने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
WATCH: North Korean leader Kim Jong Un, crosses the southern border to meet rival Moon Jae-in for the summit on nuke crisis in Panmunjom. #SouthKorea pic.twitter.com/hq58iYQcUz
— ANI (@ANI) April 27, 2018
उल्लेखनीय है कि कोरियन युद्ध के बाद से ही दोनों देश तकनीकी तौर पर अभी भी युद्ध के हालात में ही हैं, क्योंकि दोनों देशों के बीच कोई शांति समझौता नहीं हुआ था। उत्तर कोरिया में जहां आज भी वामपंथी शासन है, वहीं दक्षिण कोरिया में अमेरिका के समर्थन से लोकतंत्र आ चुका है। यही वजह है कि उत्तर कोरिया को जहां चीन का समर्थन मिला हुआ है, वहीं दक्षिण कोरिया को अमेरिका का। उत्तर कोरिया अमेरिका को अपना दुश्मन मानता रहा है, लेकिन आज हुई मुलाकात और किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप की आगे होने वाली मुलाकात से स्थिति में सुधार आने की उम्मीद जतायी जा रही है।