पतंजलि का देशी मोबाइल एप किंभो बदला गया ‘बोलो मेसेंजर’ में, व्हाट्सएप को देगा चुनौती

व्हाट्सएप को चुनौती देने के लिए देशी मोबाइल एप किंभो ने अब अपने वर्जन को अपडेट कर ‘बोलो मेसेंजर’ में बदल दिया है। पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने बताया कि किंभो एप की रिब्रांडिंग नहीं की गई है बल्कि किंभो एप लेटेस्ट वर्जन पर काम चल रहा था। एप की डेवलपर अदिति कमल ने ईमेल के जरिए बताया कि भारतीय को लिए व्हाट्सएप के विकल्प के रूप में ‘बोले एप’ अब एंड्रॉयड के मोबाइल के लिए डाउनलोडिंग के मौजूद है। iOS यूजर्स के लिए भी इसे जल्द ही मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने आगे बताया, जो यूजर्स, जिन्होंने अभी इसे इंस्टॉल नहीं किया या अभी तक किंभो एप का इस्तेमाल कर रहे हैं, लिंक जरिए बोले एप को अपडेट कर सकते हैं। ‘बोलो एप’ अपडेट करने के लिए इसे एसएमएस के जरिए अपडेट करना होगा। पूर्व में किंभो एप रहा बोले एप को लंबे समय बाद नए वर्जन के साथ बाजार में उतारा गया है।

बता दें कि मई के आखिर में बाजार में उतारा गया रामदेव का स्वदेशी मोबाइल एप किंभो एक बुरी तरह तैयार व्यापारिक योजना बनकर रह गया था। दावा किया गया कि इसे व्हाट्सएप की जगह लेने के लिए बाजार में उतारा गया है। वित्तवर्ष 2017 में 10,561 करोड़ रुपए का टर्नओवर करने वाली कंपनी पतंजलि ने पहले तो लोगों से इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने को कहा, फिर इसके तुरंत खत्म होने के लिए इंटरनेट पर अत्यधिक ट्रैफिक को दोष दिया, उसके बाद में कहा कि यह सिर्फ एक दिवसीय परीक्षण था और अब पतंजलि ने इसे दोबारा लांच करने के लिए दो और महीनों का वक्त मांगा था।

यह एप 31 मई को गूगल प्ले स्टोर पर आने के अगले दिन ही सुरक्षा और प्रदर्शन में कमियों के कारण गायब हो गया था। इससे देश की प्रौद्योगिकी उद्योग को झटका लगा था। किंभो एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है- आप कैसे हैं? या क्या चल रहा है? इसमें मैसेजिंग एप, टीवी और कई अन्य विशेषताओं का दावा किया गया था। अब प्रश्न उठता है कि इस एप को लांच करने की जल्दबाजी क्या थी? इसे फेसबुक के अधिग्रहण वाले व्हाट्सएप के लिए चुनौती के तौर पर पेश किया गया था। व्हाट्सएप के वैश्विक उपभोक्ता लगभग 1.5 अरब और भारत में 20 करोड़ हैं।

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार  फ्रांस के प्रसिद्ध सुरक्षा अनुसंधानकर्ता इलियट एल्डरसन ने ट्विटर पर किम्भो को सुरक्षा के मामले में विध्वंसकारी बताते हुए कहा, “यह किम्भो एप एक मजाक है, अगली बार संवाददाता सम्मेलन बलाने से पहले सक्षम डेवलपर्स से काम कराएं.. अगर कुछ स्पष्ट नहीं है, तो तत्काल इसे इंस्टॉल न करें।” देश के प्रमुख सोशल मीडिया विशेषज्ञ अनूप मिश्रा ने कहा, “जहां व्हाट्सएप जैसा एक मैसेजिंग एप बनाकर फेसबुक को 19 अरब डॉलर में बेचा गया, वहीं स्वदेशी एप किम्भो लांच करने वाली पतंजलि की कुल संपत्ति लगभग 2.5 अरब डॉलर है। पतंजलि का आईटी क्षेत्र में शून्य योगदान है, इसलिए यह उपक्रम पहले चरण में ही विफल होनी थी।”

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