बीफ के मुद्दे पर बोले मोदी के मंत्री- लोग अपनी मर्जी के मालिक, बीजेपी नहीं समझाएगी किसे क्या खाना है

मेघालय विधानसभा चुनाव के करीब आते ही केंद्र में सत्‍तारूढ़ भाजपा सजग हो गई है। चुनावी समय में केंद्रीय पर्यटन मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) केजे अल्‍फोंस ने कहा कि लोग अपनी मर्जी के मालिक हैं। बीजेपी जनता को यह नहीं समझाएगी कि वे क्‍या खाएं और क्‍या पहनें? उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही स्‍पष्‍ट कर चुके हैं कि वह जनता की रक्षा करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘किस प्रधानमंत्री में ऐसा कहने की हिम्‍मत है? मोदी के वर्ष 2014 में सत्‍ता में आने से पहले यह दुष्‍प्रचार किया जा रहा था कि उनके जीतने पर चर्चों को जला दिया जाएगा और ईसाइयों के साथ मारपीट की जाएगी। क्‍या पिछले साढ़े तीन वर्षों में कहीं भी किसी चर्च को जलाया गया है? ऐसी एक भी घटना सामने नहीं आई है। क्‍या ईसाइयों के साथ मारपीट की गई है? इसका जवाब भी ‘न’ में ही है। भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके प्रदर्शन पर आंकिए।’ उन्‍होंने बीफ के मुद्दे पर भी पार्टी का रुख स्‍पष्‍ट किया। अल्‍फोंस के अनुसार, ‘भाजपा इस बात पर कायम है कि आप (जनता) जो खाना चाहते हैं खाएं। मेघालय की जनता ही यह तय करेगी कि वह क्‍या खाना चाहते हैं और क्‍या पहनना चाहते हैं।’ बता दें कि अल्‍फोंस को मेघालय का प्रभारी भी बनाया गया है।

अल्‍फोंस ने तीन तलाक मुद्दे पर भी पार्टी और सरकार का रुख साफ किया। उन्‍होंने कहा, ‘तीन तलाक के जरिये महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है। पूरे देश ने इसे अनुभव किया है। किस मुस्लिम बहुल देश में तीन तलाक की व्‍यवस्‍था मौजूद है? मैं नहीं समझता कि कोई भी समुदाय महिलाओं को आजाद कराने के प्रयासों को लेकर भाजपा सरकार पर आरोप लगाएगा। मुझे नहीं लगता कि तीन तलाक को लेकर मेघालय या कहीं और लोगों को कोई दिक्‍कत होगी।’ मेघालय में बड़ी तादाद में ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) हिंदू राष्‍ट्र की वकालत करता है। ऐसे में वहां के लोगों की भाजपा किस तरह दूर करेगी? इस पर अल्‍फोंस ने कहा कि सत्‍ता में आरएसएस नहीं, बल्कि भाजपा है। उनके मुताबिक, आरएसएस और भाजपा में बहुत अंतर है। संघ सामाजिक संगठन है, लिहाजा वे अपना विचार लोगों के सामने रख सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काम यह दिखाता है कि देश हर व्‍यक्ति का है। मालूम हो कि पूर्वोत्‍तर राज्‍यों त्रिपुरा और मेघालय में क्रमश: 18 और 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। मतगणना 3 मार्च को प्रस्‍तावित है। ऐसे में सभी प्रमुख दलों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। भाजपा भी चुनाव प्रचार में जुटी है। कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्‍मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *