जानें गायत्री मंत्र जाप करने क्या है का शुभ समय और मंत्र जाप से मिल सकते हैं क्या-क्या लाभ

मंत्र विशेष प्रकार के शब्दों की संरचना होती है जिनको विधिपूर्वक जाप करने से सृष्टी की उपलब्धियों प्राप्त हो सकती है। कहा जात है सिद्ध मंत्रों के जाप से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंत्र वास्तव में दो शब्दों के ही होते हैं, जिनका श्वास-प्रश्वास पर जाप किया जा सके। बाकी जिनको हम मंत्र समझते हैं वो या तो ऋचाएं हैं या श्लोक, बीज मंत्र के साथ प्रयोग करने पर ऋचाएं और श्लोक भी लाभकारी होते हैं। मंत्र दो तरह के होते है, एक मंत्र वो हैं जिनका कोई भी जाप कर सकता है, दूसरे वो मंत्र है जो केवल व्यक्ति विशेष के लिए होते हैं। आइए आज जानते हैं गायत्री मंत्र के बारे में..

गायत्री मंत्र- ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

गायत्री मंत्र का अर्थ- सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते है, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

गायत्री मंत्र जाप करने का सही समय– गायत्री मंत्र जाप के लिए तीन समय बताए गए हैं, जाप के समय को संध्याकाल भी कहा जाता है।

1. गायत्री मंत्र जाप करने का सबसे अच्छा समय सुबह होता है। सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र का जाप करने चाहिए। जाप सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।
2. गायत्री मंत्र जाप के लिए दूसरा शुभ समय दोपहर और तीसरा समय शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले का माना जाता है। । सूर्यास्त से पहले मंत्र जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए।
3. यदि संध्याकाल के अलावा गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो मौन रहकर या मानसिक रूप से करना चाहिए। मंत्र का जाप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।

मंत्र जाप से मिलते हैं ये लाभ – इस मंत्र का जाप करने से मन में उत्साह और सकारात्मकता बढ़ती है। माना जाता है इसके जाप से त्वचा में चमक आती है। मन से बुराइयों का अंत होता है। क्रोध शांत होता है। ज्ञान में वृद्धि होती है। सिद्धि प्राप्त होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *