कई बीमारियों का रामबाण इलाज है ‘अमृत बेल’ गिलोय, डेंगू और कैंसर से भी लड़ने में है फायदेमंद
आयुर्वेद में हर तरह के रोग के लिए औषधियां मौजूद हैं। प्राकृतिक वनस्पतियों तथा जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल से असाध्य से असाध्य रोगों का इलाज आयुर्वेद में मौजूद है। इसी तरह की एक वनस्पति है गिलोय। यह बेल के रूप में पाई जाती है तथा इसके पत्ते पान के पत्तों की तरह होते हैं। आयुर्वेद में इसे अमृत बेल के नाम से जाना जाता है। इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार की बीमारी आपके आस-पास नहीं आ सकती है। डेंगू और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का इलाज भी गिलोय से संभव है। गिलोय के अद्भुत चिकित्सकीय गुणों पर वैज्ञानिक भी सहमत हैं। इसमें बरबेरिम, ग्लुकोसाइड और गिलाइन जैसे आवश्यक और अत्यंत लाभकारी रासायनिक तत्व पाए जाते हैं। आज हम गिलोय से मिलने वाले फायदों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं ।
1. गिलोय एंटी-ऑक्सीडेंट्स का पावरहाउस कहा जाता है। यह कई तरह की बीमारियों से बचाने के अलावा आपकी कोशिकाओं को भी सेहतमंद रखता है। गिलोय प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत रखने का काम करता है, जिससे हमें बीमारियां फैलाने वाले संक्रमणों से सुरक्षा मिलती है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, रक्त को शुद्ध करता है तथा तमाम तरह के बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है। दिल संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने तथा प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी यह अपना अहम योगदान देता है।
2. गिलोय पाचन क्षमता को दुरुस्त करने तथा आंत संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में भी काफी मदद करता है। आधा ग्राम गिलोय पाउडर को गुड़ के साथ खाने से कब्ज से राहत मिलती है।
3. गिलोय डायबिटीज के लिए भी बेहद फायदेमंद है। खासकर टाइप 2 डायबिटीज में यह चमत्कारिक लाभ देने वाला होता है। गिलोय का जूस पीने से हाई ब्लड शुगर को कम करने में सहायता मिलती है।
4. गिलोय का प्रयोग डिप्रेशन और चिंता को दूर करने में भी किया जाता है। यह याद्दाश्त बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग को शांत रखने तथा विषाक्त पदार्थों के उन्मूलन में काम आती है।
5. आंखों के लिए गिलोय का इस्तेमाल काफी लाभदायक है। दृष्टि स्पष्टता को बढ़ाने के लिए गिलोय का प्रयोग भारत के कई हिस्सों में एक अहम औषधि के रूप में किया जाता है। गिलोय पाउडर को पानी के साथ उबालकर ठंडा हो जाने के बाद पलकों पर लगाने से काफी लाभ होता है।