क्या दिल्ली में वोटिंग से पहले मनीष सिसोदिया आ पाएंगे बाहर? AAP नेता की जमानत पर हाईकोर्ट का फैसला कल,

नई दिल्ली. दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया जमानत पर जेल से बाहर आ पाएंगे या नहीं. इस पर दिल्ली हाईकोर्ट कल यानी मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा. अगर मनीष सिसोदिया को जमानत मिलती है तो दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले यह आम आदमी पार्टी को फायदा दे सकती है. आपको बता दें कि निचली अदालत मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 मई को शराब घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिसोदिया ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दोनों मामलों में जमानत की मांग की थी. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और फैसला सुरक्षित रख लिया था. सिसोदिया को फरवरी 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली ईडी ने और एक महीने बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
सिसोदिया के वकील और वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है और जल्द ही इसकी संभावना नहीं है. इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी दोनों कर रही थी. ईडी ने अदालत को बताया कि मामले में आप का भी नाम लिया जाएगा और जल्द ही एक पूरक आरोप पत्र दायर किया जाएगा. जबकि 17 गिरफ्तारियां हुई हैं, 250 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसके कारण जांच अधिकारी को बार-बार अदालत में पेश होना पड़ा है. ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए तर्क दिया. इसमें दावा किया गया है कि घोटाले में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई.
ईडी और सीबीआई की दलीलों पर पलटवार करते हुए सिसोदिया के वकीलों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज किये जाने के बाद मामले में तीन आरोपियों को जमानत मिल गई है. ईडी मामले में बेनॉय बाबू, फिर से संजय सिंह और हाल ही में अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल चुकी है. जहां तक मेरे भागने की बात है तो कोई खतरा नहीं है. वह इस तथ्य से बच नहीं सकते कि उन्होंने आरोप पत्र दाखिल करने से पहले मुझे गिरफ्तार नहीं किया था. उनके वकीलों ने कहा कि मैं 14.5 महीने से हिरासत में हूं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने की अनुमति देने के लिए अंतरिम जमानत दे दी. उन्हें मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा. सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया की पार्टी सत्ता में थी और एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण वह गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने में सक्षम थे. वकील ने कहा कि सिसौदिया का पुराना मोबाइल फोन, जिसका इस्तेमाल उन्होंने कथित तौर पर घोटाले को तैयार करने के लिए किया था, अभी भी गायब है. 30 अप्रैल को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आप नेता द्वारा दायर की गई दूसरी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.पीटीआई.