एम्स के रूम नंबर 101 से लालू ने लिखी चिट्ठी- कई बार बाथरूम में गिर गया हूं, कुछ हुआ तो जिम्मेदार आप होंगे

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एम्स प्रशासन को चिट्ठी लिखी है और रांची वापस नहीं भेजने की गुहार लगाई है। लालू ने पत्र में लिखा है कि उनकी बीमारी के इलाज के लिए जो मेडिकल सुविधाएं एम्स में उपलब्ध हैं, वह रिम्स या बिरसा मुंडा जेल में उपलब्ध नहीं है। इसलिए उनका इलाज यहीं होना चाहिए। लालू ने लिखा है कि डॉक्टर तो भगवान के दूसरे रूप होते हैं। उन्हें किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल के दबाव में आकर कोई निर्णय नहीं करना चाहिए। इसके अलावा राजद प्रमुख ने पत्र में यह भी लिखा है कि वो अभी तक पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुए हैं। बतौर लालू अभी भी उन्हें कमर में दर्द रहता है और बार-बार चक्कर आता है। उन्होंने लिखा है कि इसकी वजह से वो बाथरूम में भी गिर चुके हैं।

लालू यादव ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि वो ट्रेन से सफर करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने लिखा है कि नई दिल्ली से रांची जाने में 16 घंटे का वक्त लगता है। लालू ने यह भी लिखा है कि अगर उन्हें जबरन एम्स से रिम्स भेजा गया और उनके जीवन पर कोई खतरा उत्पन्न होता है तो इसकी पूरी जबावदेही एम्स प्रशासन की होगी। एम्स प्रबंधन के फैसले के बाद लालू ने मीडिया से कहा कि उन्हें राजनीतिक षडयंत्र के तहत रांची भेजा जा रहा है और इलाज से वंचित किया जा रहा है। राजद अध्यक्ष ने अपनी जान को भी खतरा बताया है।

लालू यादव द्वारा एम्स निदेशक को लिखा गया पत्र।

बता दें कि लालू यादव को पिछले महीने 29 मार्च को एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके किडने में इन्फेक्शन था और क्रिटनीन बढ़ा हुआ था। रिम्स के डॉक्टर उसे नियंत्रित नहीं कर पा रहे थे। इनके अलावा लालू यादव को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट का भी प्रॉब्लम है। कुछ साल पहले उनकी हार्ट सर्जरी भी हो चुकी है। 70 साल के लालू चारा घोटाले के चार मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं। इनमें से एक में जमानत पर हैं जबकि बाकी तीन की सजा काट रहे हैं। उन्हें दो मामले में रांची की सीबीआई अदालत ने इसी साल और एक मामले में पिछले साल दिसंबर में सजा सुनाई गई है। लालू प्रसाद दिसंबर 2017 से ही जेल में बंद हैं।

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