अटल जी का अस्थि कलश विसर्जन करते समय सांसद, पुलिस अधीक्षक सहित कई लोग नदी में गिर पड़े।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बीते 16 अगस्त को निधन दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। इसके अगले दिन 17 अगस्त को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार के बाद भाजपा ने उनकी अस्थियों को देश के विभिन्न राज्यों की 100 नदियों में प्रवाहित करने की योजना बनाई। इसके बाद अस्थि कलश यात्रा निकाल देश के विभिन्न नदियों में उनकी अस्थियों को प्रवाहित किया जा रहा है। इसी क्रम में 25 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बस्ती में अमहट पुल के पास कुआनो नदी में वाजपेयी का अस्थि विसर्जन करते वक्त नाव का संतुलन बिगड़ जाने से सांसद, विधायक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित कई लोग नदी में गिर पड़े। हालांकि, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने सभी को सुरक्षित नदी से बाहर निकाल लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बस्ती में यात्रा के बाद अस्थि कलश को अमहट घाट पर लाया गया। यहां भाजपा नेताओं ने दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत नेता के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया। इसके बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामपति राम त्रिपाठी अस्थि कलश को लेकर नाव पर सवार हुए। उनके साथ राज्य मंत्री सुरेश पासी, सांसद हरीश द्विवेदी, स्थानीय विधायक और पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार भी नाव पर सवार हुए। धीरे-धीरे अन्य लोग भी नाव पर सवार होने की कोशिश करने लगे। अचानक नाव का संतुलन बिगड़ गया और सभी पानी में गिर गए। इस घटना के बाद वहां हल्की भगदड़ मच गई। लेकिन वहां तैनात पुलिस जवान व अन्य लोग तुरंत पानी में कूद गए और नेताओं को बाहर निकाला। सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद अस्थि को नदी में प्रवाहित किया गया।
इस पूरे मामले पर बस्ती के पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार ने बताया कि, “अस्थि कलश को विर्सिजत करने के लिये सांसद, विधायक सहित सभी अधिकारी एक बड़ी नाव में सवार थे। अचानक नाव का संतुलन बिगड़ गया और सभी पानी में गिर गए। हालांकि, वहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे और तुरंत सभी लोगों को पानी से निकाल लिया गया और कोई हादसा नहीं हुआ।”