लिवर में खराबी आने पर क्या होता है? आपका लिवर सही है या नहीं? इन लक्षणों से पहचानें, जानें कैसे करें इलाज,

लिवर का खराब होना एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. समय पर पहचान कर लिवर की बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है और हेल्दी जीवन जिया जा सकता है.

लिवर हमारे शरीर का एक जरूरी अंग है जो कई बड़े कार्य करता है. यह खून को शुद्ध करता है, टॉक्सिन्स को निकालता है, प्रोटीन का निर्माण करता है और एनर्जी के रूप में संग्रहीत ग्लूकोज को कंट्रोल करता है. जब लिवर ठीक से काम नहीं करता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि लिवर खराब होने पर क्या हो सकता है? यहां जानिए लिवर की खराबी के कारण और लक्षण और प्रभावों के बारे में सब कुछ.

लिवर की खराबी के कारण | What Happens When The Liver Malfunctions?

1. हेपेटाइटिस: हेपेटाइटिस वायरस के कारण लिवर में सूजन आ जाती है. यह वायरल संक्रमण कई प्रकार के होते हैं, हेपेटाइटिस A, B, C, D, और E.
2. अल्कोहलिक लिवर डिजीज: बहुत ज्यादा शराब के सेवन से लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे लिवर सिरोसिस हो सकता है.
3. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज: यह स्थिति तब होती है जब लिवर में फैट का बहुत ज्यादा संग्रहण होता है, जो शराब के सेवन से संबंधित नहीं होता.
4. सिरोसिस: यह एक स्थायी स्थिति है जिसमें लिवर की हेल्दी सेल्स डैमेज हो जाती हैं और उनके स्थान पर निशान बन जाते हैं.
5. हेमोक्रोमैटोसिस: यह एक अनुवांशिक विकार है जिसमें शरीर में आयरन की बहुत ज्यादा मात्रा जमा हो जाती है, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है.
6. मेडिकेशन और टॉक्सिन्स: कुछ दवाइयों और केमिकल फूड्स के बहुत ज्यादा सेवन से लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है.

लिवर की खराबी के लक्षण (Symptoms of Liver Failure)

लिवर सूजन: पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या सूजन.
पीलिया (जॉन्डिस): त्वचा और आंखों का पीलापन.
थकान: लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना.
वजन कम होना: बिना कारण वजन कम होना.
भूख में कमी: खाने की इच्छा कम हो जाना.
मिचली और उल्टी: अक्सर मिचली आना या उल्टी होना.
गहरे रंग का पेशाब: मूत्र का रंग गहरा होना.

लिवर की खराबी के प्रभाव (Effects of liver failure)

1. बिलीरुबिन का लेवल बढ़ना: लिवर के खराब होने पर बिलीरुबिन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे पीलिया हो सकता है.
2. ब्लीडिंग और चोट लगना: लिवर के खराब होने से ब्लड क्लॉटिंग जमने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे आसानी से चोट लग सकती है और ब्लीडिंग हो सकता है.
3. ब्रेन फंक्शनिंग का प्रभावित होना: हेपेटिक एन्सेफालोपैथी एक स्थिति है जिसमें लिवर की खराबी के कारण ब्रेन टॉक्सिन्स का प्रभाव पड़ता है, जिससे मानसिक भ्रम और कोमा तक की स्थिति हो सकती है.
4. एडिमा और असाइटिस: शरीर में पानी का संग्रहण, खासकर पेट और पैरों में सूजन.

लिवर की खराबी का उपचार (Treatment of liver failure)

1. लाइफस्टाइल में बदलाव: शराब का सेवन कम करना, हेल्दी डाइट लेना और रेगुलर व्यायाम करना.
2. दवाइयां: वायरल हेपेटाइटिस और अन्य स्थितियों के लिए चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाइयां लेना.
3. लिवर ट्रांसप्लांट: गंभीर मामलों में जब लिवर पूरी तरह से खराब हो जाता है, तो लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत हो सकती है.पीटीआई.