रायवाला और ऋषिकेश में दंगों के बाद अभी भी हालात पूरी तरह सामान्य नहीं

लक्ष्मण सिंह नामक युवक की हत्या के बाद रायवाला और ऋषिकेश में भड़के दंगों के कारण अभी तक इन क्षेत्रों में स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। यहां के लोग अब भी अनहोनी की आशंका से डरे हुए हैं।  चार और पांच अक्तूबर को हुए दंगों के बाद ऋषिकेश और रायवाला में रह रहे मुसलमानों ने भारी संख्या में पलायन कर देहरादून, ज्वालापुर, रुड़की, भगवानपुर और सहारनपुर में शरण ली थी। कुछ लोग तो लौट कर रायवाला आ गए हैं, पर वे अब भी डरे-सहमे हैं। घरों और दुकानों के बाहर सन्नाटा पसरा है। पुलिसकर्मी अब भी तैनात हैं। अब्दुल रहमान जिम चलाते हैं। वे बताते हैं कि इस महीने के आखिरी हफ्ते में उसकी शादी होने वाली है। मगर हिम्मत नहीं हो रही कि रायवाला में शादी समारोह करें। उन्होंने बताया कि पांच तारीख की देर शाम हमलावरों ने उनका जिम बुरी तरह तहस-नहस कर दिया था। वह अपने घरवालों के साथ जान बचा कर सहारनपुर भाग गए थे।

मांस विक्रेता जियाउद्दीन उर्फ गुड्डु का कहना है कि तीन चार-सौ लोगों की भीड़ उनकी दुकान पर आई और वहां रखे अंडे तोड़ डाले, मुर्गा-मछली लूट कर ले गए। रायवाला-देहरादून मार्ग पर चिकन पैलेस के मालिक जहीद अहमद कुरैशी का कहना है कि दंगाइयों ने उनकी दुकान में तोड़फोड़ की। दुकान के कर्मचारी जान बचा कर भागे। दंगाइयों ने उनकी कार तोड़ डाली। लोहे की दुकान करने वाले मोहम्मद साबिर के घर पर हिंसक भीड़ ने पत्थर बरसाए और उनकी दुकान भी तोड़ डाली। उनकी अम्मी पत्थर लगने से घायल हो गर्इं। फैय्याज का कहना है कि पहली बार रायवाला और ऋषिकेश में मुसलमानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया।

रायवाला और ऋषिकेश में छह हजार मुसलमान रहते हैं। जहीद अहमद कहते हैं कि वे फौज में ठेकेदारी करते थे और अब वह मांस की दुकान और रेस्तरां चलाते हैं। राज्य सरकार की ओर से भी किसी ने यहां दंगा पीड़ितों की सुध नहीं ली। विपक्षी नेताओं ने भी इस इलाके के लोगों का हालचाल नहीं पूछा। यहां रह रहे परिवारों को उत्तराखंड पुलिस पर भरोसा नहीं है। वे बार-बार यह आरोप लगाते हैं कि दंगे के रोज उनकी सुरक्षा करने में उत्तराखंड पुलिस नाकाम रही। भड़की हिंसा के चश्मदीद अब्दुल रहमान का कहना है कि चार सौ-पांच सौ लोग हाथों में लाठियां, धारदार हथियार लेकर अचानक आए और उनके घरों और दुकानों पर हमला कर दिया और जमकर तोड़फोड़ की। उनकी कारों, मोटर साइकिलों और विक्रम-टेम्पो तक तोड़ डाले।

 

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