कश्मीर में हंदवाड़ा के ऐतिहासिक मंदिर में सेना ने 36 साल बाद स्थापित की मां भद्रकाली की प्रतिमा
हंदवाड़ा के ऐतिहासिक मंदिर से चोरी हुई मां भद्रकाली की मूर्ति को 36 साल बाद मंदिर में पुर्नस्थापित किया गया है। बता दें कि यह प्राचीन मूर्ति साल 1981 में मंदिर से चुरा ली गई थी, जिसे 1983 में खोज निकाला गया था। इसके बाद मूर्ति को जम्मू में रखा गया और अब जाकर सेना की मदद से इस मूर्ति को हंदवाड़ा के ऐतिहासिक मंदिर में पुर्नस्थापित किया गया है। मूर्ति की स्थापना के दौरान गांव में उत्सव का माहौल देखने को मिला और प्राचीन मूर्ति के मंदिर में पुर्नस्थापित होने पर लोग काफी खुश दिखाई दिए।
सेना ने की मददः मां भद्रकाली की मूर्ति को मंदिर में फिर से स्थापित करने में सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स ने मदद की और अब मंदिर की सुरक्षा में सेना के जवानों की तैनाती भी कर दी गई है। खबर के अनुसार, पंडित भूषण लाल ने 7 सेक्टर के राष्ट्रीय राइफल्स के ब्रिगेडियर डीआर राय से इस मूर्ति को कश्मीर में पुर्नस्थापित करने में मदद मांगी। इस पर ब्रिगेडियर राय ने वादा किया कि नवरात्रों की शुरुआत में मूर्ति मंदिर में फिर से स्थापित कर दी जाएगी। इसके बाद 18 मार्च, 2018 को नवरात्रे के पहले दिन मां भद्रकाली की ऐतिहासिक मूर्ति मंदिर में स्थापित कर दी गई। इस मौके पर सेना के जीओसी मेजर जनरल एके सिंह समेत राष्ट्रीय राइफल्स रेजीमेंट के तमाम जवान मौजूद रहे।
मंदिर के पीछे है एक रोचक कहानीः हंदवाड़ा के ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर के पीछे एक रोचक वाक्या जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि साल 1891 में हंदवाड़ा के रहने वाले सरवा वायू को माता ने सपने में दर्शन देकर बताया कि खान्यार के पास एक गुफा में माता की मूर्ति है। इसके बाद सरवा वायू ने ही उस मूर्ति को गुफा से निकालकर हंदवाड़ा में मंदिर की स्थापना करायी। बाद में साल 1981 में मंदिर से यह प्राचीन मूर्ति चुरा ली गई। हालांकि इसके तीन साल बाद ही यानि कि 1983 में इस मूर्ति को खोज निकाला गया। मूर्ति को भूषण लाल पंडित जम्मू ले आए और वहीं पर मां भद्रकाली की मूर्ति की पूजा करते रहे। अब 36 साल बाद मूर्ति वापस हंदवाड़ा के मंदिर में स्थापित की गई है।