नमाज पढ़ने के लिए हुए निर्माण को तोड़ा जाए: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन कर नमाज अदा करने के लिए बनाये गये एक निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। ये अवैध निर्माण तिरुवरुर जिले के मुथुपेट्टाई पंचायत में हुआ है। इसका निर्माण करने वाले यहां पर मदरसा बनाना चाह रहे थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। अदालत ने कहा है कि अगर ये कार्रवाई नहीं की जाती है तो उनलोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए, जिन पर इस निर्माण को तोड़ने की जिम्मेदारी है। अदालत ने कहा है कि कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले लोगों के खिलाफ बड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए और इस एक्शन को उनके सर्विस बुक में काले रिकॉर्ड के रूप दर्ज किया जाना चाहिए। जस्टिस एस विद्यानाथन ने कहा कि अगर इस निर्माण को तोड़ने की जिम्मेदारी रखने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो इसके बाद उस शख्स को नौकरी से हटा दिया जाना चाहिए जिसपर कार्रवाई का जिम्मा है।

इस मामले में अदालत ने तमिलनाडु तवाहिद जमात मुथुपेट्टाई के अध्यक्ष पी अब्दुल अजीज और कोषाध्यक्ष के सतीक बासा की याचिका को खारिज कर दिया। इन लोगों ने मुथुपेट्टाई पंचायत के उस आदेश को कोर्ट से रद्द करने की मांग की थी जिसमें जरिये इस निर्माण को अवैध घोषित किया गया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने एक विशाल निर्माण के लिए संबंधित विभाग से आदेश लिया और निर्माणकार्य शुरू कर दिया। बेसमेंट का काम पूरा होने के बाद वह ग्राउंड फ्लोर पर काम कर रहा था, तभी प्रशासन की ओर से काम रोकने का नोटिस जारी किया गया बाद में निर्माण की अनुमति ही रद्द कर दी गई।

इस मामले में पंचायत का कहना है कि इस जमीन पर ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर बनाने की परमिशन ली थी। बाद में स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत के बाद कार्यकारी अभियंता ने साइट का दौरा किया और पाया कि इस जगह को नमाज पढ़ने और मदरसा चलाने के लिए बनाया जा रहा था। इसके बाद इस निर्माण का लाइसेंस रद्द किया गया।अदालत ने कहा है कि काम रोकने के नोटिस में साफ कहा गया है कि इस जगह पर रहने के लिए घर बनाया जाएगा, ना कि कोई जमात, प्रार्थना गृह या फिर मदरसा।

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