असम में पत्नी की नागरिकता डाली गई संदिग्ध सूची में तो पत्नी का रेता गला और खुद की आत्महत्या

भारतीय नागरिक पहचान सूची में संदिग्ध होने की स्थिति में एक शख्स ने पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर खुद आत्महत्या कर ली। दरअसल असम में बाहरी लोगों की पहचान के लिए अभियान चलाया गया है। इसी अभियान के तहत बंग्लादेश और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे असम के धुबरी जिले में वहां के मूल नागरिकों की पहचान से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की गई। पड़ताल में यहां एक शख्स की पत्नी को डी वोटर टैग दिया गया। डी वोटर टैग का मतलब है, ‘संदिग्ध मतदाता टैग।’ डी वोटर टैग के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए पैसा ना होने पर दोनों के बीच झगड़ा हो गया। खबर के मुताबिक बीते शनिवार को जिले के हलाकुरा निवासी अबोला रॉय (40) और उनकी साहरीबाला (35) के बीच झगड़ा खूनी संघर्ष में बदल गया। क्योंकि पांच दिन पहले मिले डी वोटर टैग के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए पति के पास पैसे नहीं थे।

मृतक के पड़ोसी और घटना के बाद पुलिस को जानकारी देने वाले ने बताया कि दोनों चिल्लाते रहे और पूरी रात दोनों में जमकर झगड़ा हुआ। महिला का पति आर्थिक तौर पर काफी कमजोर था और पत्नी पर डी वोटर का टैग लगने पर वह काफी तनाव में आ गया। इस दौरान गुस्से में उसने तेज हथियार से साहरीबाला की हत्या करने की कोशिश की। पत्नी के चिल्लाने पर हम तुरंत घर में पहुंच गए, जहां देखा कि वह खून में नहाई हुई थी। उसका गला रेता गया था। हालांकि गंभीर हालत में पीड़िता को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया।

धुबरी के एएसपी गुनेंद्र डेका ने बताया कि जब पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर पहुंची तो वह आत्महत्या कर चुका था। डेका के मुताबिक उसकी पत्नी का इलाज धुबरी के सिविल हॉस्पिटल में चल रहा है। मामले में ज्यादा जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही है। दोनों के तीन बच्चे हैं। सबसे छोटी बच्ची की उम्र करीब डेढ़ साल है। जानकारी के मुताबिक पत्नी का केस लड़ने के लिए उसने कुछ वकीलों से बात की। जहां उसे बताया गया कि कानूनी लड़ाई के लिए उसे पांच हजार रुपए खर्च करने होंगे। उस गरीब परिवार के लिए ये बहुत बड़ी रकम थी।

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