भूख के मारे जिंदगी की जंग हारी तीन तलाक की पीडिता, महीने भर घर में रखा था बिना खाना के कैद
उत्तर प्रदेश में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। एक व्यक्ति ने फोन पर पत्नी को तीन तलाक दे दिया। महिला के घर न छोड़ने से वह शख्स इस हद तक नाराज हुआ कि उसने पीड़िता को घर में महीने भर तक कैद रखा। इस दौरान उन्हें खाना तक नहीं दिया गया था। इससे महिला की स्थिति बेहद खराब हो गई थी। उनका पहले स्थानीय अस्पताल में ही इलाज किया जा रहा था, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर महिला को लखनऊ रेफर किया गया था। लखनऊ के रास्ते में ही पीड़िता जिंदगी की जंग हार गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना यूपी के बरेली की है। शहर के किला के स्वालेनगर मोहल्ला निवासी रजिया की 13 साल पहले वर्ष 2005 में पड़ोस के ही एक मोहल्ले कटघर में रहने वाले नईम से हुई थी। आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद से ही नईम दहेज के लिए रजिया को प्रताड़ित करने लगा था। नईम रजिया को आए दिन मारना-पीटना और भूखा रखना शुरू कर दिया था। रजिया इसके बाद भी अपने ससुराल में ही रही। तकरीबन डेढ़ महीने पहले नईम ने दिल्ली से फोन पर रजिया को त्वरित तीन तलाक दे दिया था और रिश्ता खत्म करने की भी बात कही थी।
तीन तलाक पीड़िता ने इलाज के दौरान तोड़ा दम,पति ने तलाक देने के बाद एक महीने तक बनाया था बंधक,नहीं दिया था खाना-https://t.co/tQVAuVipRk@igrangebareilly @bareillypolice @Uppolice pic.twitter.com/dOmbTRWI4a
— Samachar Plus (@samachar_plus) July 10, 2018
रजिया को घर में देखते ही आगबबूला हो गया था नईम: दिल्ली से लौटने के बाद जब नईम ने रजिया को अपने ही घर पर देखा तो वह आग बबूला हो गया। आरोप है कि नईम ने इसके बाद रजिया को एक कमरे में कैद कर दिया। साथ ही उसका खाना-पीना भी बंद कर दिया। इसकी भनक जब रजिया के मायके वालों को लगी तो उन्होंने उसे नईम की कैद से मुक्त करवाया। हालांकि, तब तक रजिया की हालत बहुत खराब हो चुकी थी। परिजनों ने आनन-फानन में उन्हें बरेली के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया। रजिया की स्थिति इस हद तक बिगड़ चुकी थी कि वह कुछ बोल पाने में भी असमर्थ थी। रजिया का जिला अस्पताल में कई दिनों तक इलाज चला, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया था। प्रदेश की राजधानी ले जाने के दरम्यान ही रजिया की मौत हो गई। रजिया की बहन का आरोप है कि इस पूरे मामले में पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। उन्होंने अपनी बहन के लिए इंसाफ मांगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में फौरी तौर पर दिए जाने वाले तीन तलाक को अवैध करार दिया था। इसके बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों से त्वरित तीन तलाक देने के मामले सामने आ रहे हैं।