Mann ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को तीन साल पूरे, पढ़ें क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में 36वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के तीन साल पूरे कर लिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनके मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ ने समाज के हर वर्ग को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके जरिए देशभर से मिलने वाले सुझावों से शासन में सुधार लाने में मदद मिलती है। मोदी ने कार्यक्रम के 36वें संस्करण में कहा, “मन की बात के लिए मुझे बहुत ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिलती है। हमने इस कार्यक्रम के तीन साल पूरे कर लिए हैं। स्वभाविक रूप से मैं सभी का उल्लेख नहीं कर सकता, लेकिन इससे मिलने वाली प्रतिक्रियाओं से हमें सरकार चलाने में मदद मिलती है।” उन्होंने कहा, “इसने समाज के हर वर्ग को एकजुट करने में सहयोग दिया है।” मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ भारत की ताकत दिखाने का एक प्रभावी तरीका है। उन्होंने कहा कि उन्हें ईमेल, नरेंद्र मोदी एप, फोन और अन्य माध्यमों से जानकारी का खजाना मिलता है, जिससे उन्हें पता चलता है कि देश में क्या हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा करने के लिए नागरिकों का आभारी हूं।” अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने क्या कहा, पढ़िए।
यहां पढ़ें Mann Ki Baat by PM Narendra Modi:
– नवरात्रि का पर्व चल रहा है माँ दुर्गा की पूजा का अवसर है, पूरा माहौल पावन पवित्र सुगंध से व्याप्त है। हर चुनौतियों का सामना करने का सामर्थ्य देश को आए; देश तेज़ गति से आगे बढ़े। नमस्कार। – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– भारतीय सेना को लेफ्टिनेंट स्वाति और निधि के रूप में दो वीरांगनाएँ मिली हैं और वे असामान्य वीरांगनाएँ है। असामान्य इसलिए हैं कि स्वाति और निधि माँ-भारती की सेवा करते-करते उनके पति शहीद हो गए थे। – पीएम मोदी
– भारत के टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए आपके राज्य के सात उत्तम टूरिस्ट डेस्टिनेशन कौन से हो सकते हैं, इसकी जानकारी आपको होनी चाहिए। – पीएम मोदी
– मुझे हिंदुस्तान के 500 से अधिक जिलों में जाने का मौक़ा मिला होगा। इन छुट्टियों में आप सिर्फ चेंज के लिए या घूमने के लिए निकलें ऐसा नहीं होना चाहिए, कुछ जानने-समझने के इरादे से घूमने जायें। भारत को अपने भीतर आत्मसात् कीजिये, आपकी सोच का दायरा विशाल हो जायेगा। अनुभव से बड़ा शिक्षक कोई नहीं होता। – पीएम मोदी
– महात्मा गाँधी, लोकमान्य तिलक, स्वामी विवेकानंद, अब्दुल कलाम जी ने जब भारत-भ्रमण किया तब उनको उसके लिए जीने-मरने की नई प्रेरणा मिली। – पीएम मोदी
– हम लोग बहुत स्वाभाविक रूप से कहते हैं – विविधता में एकता, भारत की विशेषता। हम अपने देश को तो देखते नहीं हैं, देश की विविधताओं को जानते नहीं हैं लेकिन विदेशों में ही टूर करना पसंद करते हैं। : पीएम मोदी
– गाँधी जी, जयप्रकाश जी, दीनदयाल जी ये ऐसे महापुरुष हैं जो सत्ता के गलियारों से कोसो दूर रहे हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी जब नौजवानों से बात करते थे तो हमेशा नानाजी देशमुख के ग्रामीण विकास की बातें किया करते थे। दीनदयाल उपाध्याय समाज के आखिरी छोर पर बैठे हुए ग़रीब, पीड़ित, शोषित, वंचित की ही चर्चा करते थे। : प्रधानमंत्री मोदी
– इस बात को हमें स्वीकार करना होगा कि भावी इतिहास, इतिहास की कोख में जन्म लेता है। : पीएम
– नगर निगम श्रीनगर ने 18 साल के नौजवान बिलाल डार को स्वच्छता के लिए अपना ब्रांड अम्बेसडर बनाया है। : पीएम
– इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया देश की कितनी बड़ी सेवा कर सकता है ये स्वच्छता ही सेवा आंदोलन में हम देख पाते हैं। : पीएम
– सार्वजनिक स्थानों पर दबाव पैदा हुआ है अब सार्वजनिक स्थान गंदे हों तो लोग टोकते हैं,वहाँ काम करने वालों को दबाव महसूस होने लगा है। – पीएम
– पिछले महीने हमने एक संकल्प किया था और तय किया था कि गाँधी-जयंती से पहले 15 दिन देश-भर में स्वच्छता का उत्सव मनायेंगे। – पीएम
– मैंने एक बार #मन_की_बात में खादी के विषय में चर्चा की थी| खादी एक वस्त्र नहीं, एक विचार है। उत्तर प्रदेश, वाराणसी सेवापुर में, सेवापुरी का खादी आश्रम 26 साल से बंद पड़ा था लेकिन आज पुनर्जीवित हो गया। : पीएम
– एक बार मैंने हरियाणा के एक सरपंच की #SelfieWithDaughter को देखा और मैंने ‘मन की बात’ में सबके सामने रखा। मैंने जब टूर पर जाने वाले लोगों से कहा था कि आप #incredibleindia पर, जहाँ भी जाएँ वहाँ की फोटो भेजिये। तो लाखों फोटो आ गए। : पीएम
– मैंने महाराष्ट्र के एक रिटायर्ड टीचर चन्द्रकान्त कुलकर्णी की बात कही थी, जिन्होंने स्वच्छता के लिये दान दिया था। उसके बाद तो मैंने देखा कि स्वच्छता के लिए, इस प्रकार के काम करने के लिए कितने लोग आगे आए। : पीएम
– भारत की जो सकारात्मक शक्ति है, भावनाएँ हैं, अपेक्षाएं हैं, शिकायतें हैं, मन की बात ने उन सब भावों से मुझे जुड़ने का अद्भुत अवसर दिया। : पीएम
– मन की बात की तीन साल की यह यात्रा देशवासियों की भावनाओं की अनुभूति की यात्रा है। : पीएम
– सभी को नमस्कार। आज 36वां एपिसोड है। मन की बात एक प्रकार से भारत की सकरात्मक शक्ति है। : पीएम