आतंकी हमले में शहीद हुए ब्रज किशोर यादव का अंतिम दर्शन करने को व्याकुल हैं गांव के लोग
अपने सपूत के अंतिम दर्शन के लिए पूरा भागलपुर जिला खासकर कमलचक गांव के लोग व्याकुल हैं। शौकाकुल परिवार समेत गांव के लोग शहीद ब्रज किशोर यादव के शव आने की बाट जोह रहे हैं। मंगलवार को कश्मीर के श्रीनगर में बीएसएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले में बहादुरी से मुकाबला करते हुए ब्रज किशोर शहीद हो गए थे। यह सीमा सुरक्षा बल में एएसआई के पद पर तैनात थे। एसएसपी मनोज कुमार के मुताबिक, शहीद ब्रजकिशोर यादव का पार्थिव शरीर बुधवार शाम वायुयान से पटना आने की सूचना है। वहां से सड़क मार्ग से भागलपुर के रास्ते उनके पैतृक गांव पीरपैंती के कमलचक ले जाया जाएगा।
बता दें कि गुरुवार की सुबह राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके लिए कहलगांव के डीएसपी रामानंद कौशल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस सन्दर्भ में और अधिक जानकारी के लिए डीएम आदेश तितमारे को फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। आतंकी हमले में शहीद होने की सूचना ब्रज किशोर के बड़े भाई राज किशोर यादव को पक्की तौर पर मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे जैसे ही मिली परिवार के सभी सदस्य सन्न रह गए थे। उनकी पत्नी रीपि देवी के अलावा एक बेटा अभिषेक किशोर ( 23 ), बेटी संध्या कुमारी (21 ) और सुषमा कुमारी ( 19 ) हैं। संध्या की शादी हो चुकी है। बीते 18 जून को उसने बेटे को जन्म दिया है।
परिवार वालों ने बताया कि फोन पर ब्रज किशोर अपने नाती के बारे में जरूर पूछते थे। वह 17 नवंबर को घर आने वाले थे। इससे पहले वह 13 अप्रैल को दो महीने की छुट्टी बिताकर श्रीनगर गए थे। आखिरकार अपने नाती को गोद में खिलाने की कसक उसके दिल में ही रह गई। यह कहते-कहते ब्रज किशोर का भाई अपने को नहीं रोक सके और फफक-फफककर रो पड़े। उनके परिवार का भी रो-रोकर बुरा हाल है। उनका एक बड़ा भाई भी सीमा सुरक्षा बल में हैं और जैसलमेर में तैनात हैं। फिलहाल वह छुट्टी में घर आए हुए हैं।
गांव वाले भी शहीद ब्रज किशोर की बातों को याद करते गमगीन हो जाते है। गांव के राम प्रवेश, भैरो यादव से बताते हैं कि अपने आठ भाई बहनों में सबसे छोटा होने की वजह से ब्रज किशोर अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे गांव का चहेता था। उसमें देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी और उन्होंने आतंकवादियों से अंतिम दम तक लड़ते हुए शहीद हो कर यह साबित कर दिया।