सुकमा हमले में हुए शहीद की विधवा का दर्द- कहा: यहाँ जवानों को जानवरों की तरह रखा जाता है

छत्तीसगढ़ के सुकमा में मंगलवार (13 मार्च) को नक्सलियों के हमले में नौ सीआरपीएफ जवान शहीद हुए। इनमें मनोज सिंह नामक जवान यूपी के बलिया निवासी थे। शहादत की खबर मिलने के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने सरकार से गहरी नाराजगी जताई है। कहा है कि सुकमा में जवानों को सरकार से रहने और सुरक्षा आदि को लेकर कोई सुविधा नहीं मिलती। शहीद की पत्नी ने कहा कि सुकमा में जवानों को जानवरों की तरह रखा जाता है। उधर, पिता ने आंखों में आंसू लिए हुए कहा कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है।

बातचीत नहीं हो पाती थीः शहीद मनोज की पत्नी ने कहा कि सुकमा में फोन नेटवर्क काम नहीं करता। जवान परिवार से बातचीत नहीं कर पाते। रहने-खाने से लेकर कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। जवान शिकायत करते हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं होती। असुविधाओं के बीच जवानों को खुद की और जनता की जान की हिफाजत करनी पड़ती है। पत्नी ने कहा कि अगर सरकार सुविधाएं दे तो जवानों का हौसला और बढ़ा रहेगा, जिससे वे नक्सलियों का डटकर मुकाबला कर सकेंगे। शहीद जवान की पत्नी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जवानों को असुविधाओं के बीच रहने को मजबूर करने से सरकार का आखिर कौन-सा लाभ होता है।

बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने का था सपनाः बलिया के शहीद सीआरपीएफ जवान मनोज की पत्नी ने कहा कि वह बच्चों को हॉस्टल में भेजकर बेहतर पढ़ाई की सुविधा दिलाने चाहते थे। चार दिन पहले घर आकर वापस गए थे, फिर मई में आने के लिए कहा था। मगर होनी को यह मंजूर नहीं था। उधर, रो-रोकर मनोज के पिता की आंखों से आंसू सूख चुके हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों का हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ की 212 वीं बटालियन के नौ जवान शहीद हो गए।

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