Max Born Doodle: अपनी खोज से जीता फिजिक्स का नोबेल, गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि
Max Born Google Doodle: गूगल ने आज (11 दिसंबर) दुनिया के महान वैज्ञानिक मैक्स बॉर्न को याद किया है। मैक्स बॉर्न वो शख्सियत हैं जिनके कठिन परिश्रम से हमें विज्ञान के कई चमत्कार मिले, और इंसान की जिंदगी आसान हो गई। वो चाहे पर्सनल कम्प्यूटर हो, लेसर या फिर बीमारियों को पकड़ने में मददगार मेडिकल इमेजिंग डिवाइस यानी कि MRI। गूगल के होम पेज पर एक डूडल बनाकर आज की पीढ़ी को इस वैज्ञानिक के बारे में बताया गया है। आज नोबेल पुरस्कार विजेता मैक्स बॉर्न की 135वीं जयंती है। बता दें कि मैक्स बॉर्न द्वारा क्वांटम मैकेनिक्स के क्षेत्र किये गये रिसर्च की वजह से MRI, लेसर जैसी यंत्र वजूद में आए। क्वांटम मैकेनिक्स भौतिकी विज्ञान की वह शाखा है जो पदार्थ के सूक्ष्मतम कणों का अध्ययन करता है। मैक्स बॉर्न के खोज क्वांटम मैकेनिक्स के आधार स्तंभ बने और इसी सिद्धांत के आधार पर कई आधुनिक यंत्र विकसित किये गये। मैक्स ने भौतिकी के स्थापित नियमों को चुनौती दी और विज्ञान के क्षेत्र में अलग मुकाम हासिल किया। वह क्वांटम फिजिक्स के अग्रणी वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं।
विज्ञान की इस अद्भुत प्रतिभा का जन्म जर्मनी के ब्रेसालू में 11 दिसंबर 1882 को हुआ था। इनके पिता का नाम गुस्ताव बॉर्न था और मां थी मिसेज मारग्रेट। छात्र जीवन में मैक्स बॉर्न बेहद प्रतिभाशाली थे। उन्होंने ग्वाटिगेन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की और इसके बाद सैद्धांतिक भौतिकी के प्रोफेसर बन गये। बतौर प्रोफेसर मैक्स बॉर्न ने अपने वक्त में दुनिया के तेज-तर्रार वैज्ञानिकों के साथ काम किया। जर्मनी में नाजी शासन (1933) के दौरान उन्हें अपना देश छोड़ना पड़ा। मैक्स बॉर्न इंग्लैंड आ गये और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में बतौर लेक्चरर तीन साल तक पढ़ाया। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में भी उन्होंने 20 सालों तक भौतिकी के सिद्धांत छात्रों को पढ़ाये इस दौरान वे रिसर्च भी करते रहे।
1954 में मैक्स बॉर्न की मेधा का दुनिया ने लोहा माना और उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मैक्स बॉर्न की ये खोज विज्ञान जगत में बॉर्न रूल के नाम से प्रसिद्ध हुआ। दरअसल बॉर्न रूल एक क्वांटम थियरी है जिसमें तरंग कणों के लोकेशन का मैथेमेटिकल प्रॉबैब्लिटी के माध्यम से पता लगाया जाता है। बॉर्न रूल ने पुराने सिद्धांतों को चुनौती दी और विज्ञान के क्षेत्र में कई उलट फेर किये। आज के युग का क्वांटम फिजिक्स डॉ बॉर्न के सिद्धांत पर ही आधारित है। डॉ मैक्स बॉर्न को प्रकृति के रहस्यों में गहरी रुचि थे। वो कहा करते थे, ‘ ये धारणा कि दुनिया में सिर्फ एक सच्चाई है, और उस सच्चाई को एक शख्स जानता है, ये धारणा दुनिया में सभी बुराइयों की जड़ है।’