आम लोगों के लिए सरकार का बड़ा फैसला, 2,000 रुपए तक कार्ड से पेमेंट करने पर नहीं लगेगा चार्ज
केंद्र सरकार ने एक बार फिर डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए पहल शुरू की है। इस बार केंद्र सरकार ने लोगों के हित में बड़ा फैसला लिया है। दरअसल अब 2,000 रुपए तक की डिजिटल ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) सरकार देगी। हालांकि अभी इस सुविधा को सरकार ने केवल 2 साल के लिए देने का वादा किया है। यह 1 जनवरी 2018 से लागू हो जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने आज (15 दिसंबर) को इस फैसले पर मुहर लगाई है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बैंकों और व्यापारियों को MDR का भुगतान करेगी। डेबिट कार्ड, आधार के जरिए पेमेंट, यूपीआई (भीम ऐप) से पेमेंट करने पर सरकार यह राशि वापस करेगी।
रविशंकर ने बताया कि यह सिस्टम ठीक से काम करे इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। उन्होंने देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में तेज वृद्धि का जिक्र करते हुए बताया कि अप्रैल से सितंबर 2017 में केवल डेबिट कार्ड से 2 लाख 18 हजार, 700 करोड़ का डिजिटल ट्रांजैक्शन हुआ है। इस हिसाब से इस वित्त वर्ष के अंत तक यह 4 लाख 37 हजार करोड़ का हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार देश में डिजिटल इकॉनमी को 1 ट्रिलयन बनाने के लिए ग्लोबल प्लेयर्स के साथ बातचीत कर रही है।
MDR क्या है: मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR), वह कमिशन होता है जो दुकानदार से हर ट्रांजैक्शन पर बैंक लेती है। कई जगह इसे दुकानदार सीधे बिल में जोड़कर भी लोगों को बाताते हैं, और यह फीस भी वह कस्टमर से वसूलते हैं। कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए पॉइंट ऑफ सेल मशीन बैंक के द्वारा लगाई जाती है। बैंक द्वारा MDR के तौर पर कमाई गई राशि में से कार्ड जारी करने वाले बैंक और कुछ हिस्सा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे वीजा, मास्टरकार्ड या NPCI को दिया जाता है। इस चार्ज के कारण ही दुकानदार कार्ड से पेमेंट पर हिचकते हैं। MDR को रिजर्व बैंक तय करता है।