सड़क किनारे पेशाब करते पकड़े गए महाराष्ट्र के जल मंत्री, वीडियो वायरल
महाराष्ट्र के मंत्री राम शिंदे का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कथित तौर पर सड़क किनारे पेशाब करते दिख रहे हैं। घटना सोलापुर बर्शी रोड की है। उस वक्त जल संरक्षण मंत्री अपनी कार से जा रहे थे। जब शिंदे से संपर्क किया गया तो उन्होंने भाषा से कहा कि उन्होंने खुले में पेशाब इसलिए किया क्योंकि वह बीमार थे। वह सरकार की प्रमुख जलयुक्त शिवर योजना के लिए राज्य की करीब एक महीने की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं करीब एक महीने से जलयुक्त शिवर योजना की समीक्षा के लिए लगातार यात्रा कर रहा हूं। उच्च तापमान और धूल में यात्रा ने मुझे बीमार कर दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे बुखार है और जब मुझे यात्रा के दौरान कोई शौचालय नहीं मिला तो मुझे खुले में शौच करना पड़ा।’’
बहरहाल, राकांपा ने कहा कि राजमार्ग पर शौचालय नहीं मिलना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की विफलता को दिखाता है। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘यह अब साबित हो गया है कि सरकार पेट्रोल और डीजल पर स्वच्छ भारत उपकर के नाम पर लोगों को लूट रही है।’’ नवाब मलिक ने कहा कि आखिर जब उनकी सरकार के मंत्री स्वच्छ भारत के नारे का पालन नहीं कर रहे हैं तो आम लोगों से ये उम्मीद कैसे की जा सकती है। नवाब मलिक ने कहा, ‘सरकार स्वच्छ भारत उपकर नाम से लिये पैसे का क्या कर रही है। अगर मंत्री को हाईवे पर एक शौचालय नहीं मिलता है।’
बता दें कि इससे पहले केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह भी खुले में पेशाब कर विवादों में आ चुके हैं। तब उनकी भी खूब आलोचना हुई थी। मोदी सरकार के आलोचकों ने कहा कि पीएम को पहले देश भर में शौचालय बनवाने चाहिए इसके बाद उन्हें स्वच्छ भारत अभियान की बात करनी चाहिए। एनएसएसओ के सर्वे के मुताबिक, देशभर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए लगभग 10 में से 6 टॉयलेट्स में पानी की पर्याप्त सप्लाई ही नहीं है। यह सर्वे केंद्र की मोदी सरकार के 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के मिशन की हकीकत को बयां करती है। सर्वे के मुताबिक 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद लगभग 3.5 करोड़ शौचालय बनाए गए। केंद्र सरकार ने लोगों को शौचालय बनवाने के लिए सब्सिडी दी। मगर सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 55.4% लोग आज भी खुले में शौच करने को मजबूर होते हैं।