मिशनरी ऑफ चैरिटीज की गिरफ्तार सिस्टर कंसोलिया ने कबूली बच्चे बेचने की बात

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार मदर टेरेसा की मिशनरी ऑफ चैरिटीज की गिरफ्तार सिस्टर कंसोलिया ने स्वीकार किया है कि उसने चैरिटीज के बालाश्रय से तीन बच्चों को पैसे लेकर बेचा तथा एक बच्चे को बिना पैसे लिए ही किसी को दे दिया। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार सिस्टर कंसोलिया ने पुलिस के समक्ष अपना अपराध कबूला है और स्पष्ट कहा है कि उसने पैसे लेकर तीन बच्चों को विभिन्न खरीददारों को बेचा था जिनकी पुलिस बरामदगी कर चुकी है। उसने बताया कि एक बच्चे को उसने बिना पैसे लिये ही किसी को दिया था। पुलिस चौथे बच्चे का पता लगाने में जुटी है जिसका अब तक पता नहीं चल सका है।इस बीच पुलिस की पूछताछ का एक वीडियो भी मीडिया के सामने सोशल मीडिया के माध्यम से आया है जिसमें सिस्टर अपना अपराध कबूल कर रही है। जबकि इसके विपरीत मिशनरी के बिशप इस मामले में सिस्टर का हाथ होने से इनकार कर रहे थे। इस वीडियो को समाचार एजेंसी एएनआई ने भी जारी किया है।
इससे पूर्व रांची के नगर पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने बताया कि मिशनरी से बेचे गये चौथे बच्चे का अब तक पता नहीं चल सका है लिहाजा उसका पता लगाने और इस पूरे कांड में शामिल रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस ने सिस्टर कंसोलिया और इंदवार को 13 जुलाई को शाम रिमांड पर लिया। इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करने का आवेदन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वयंभू की अदालत में दिया गया था जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। कुमार ने बताया कि दोनों को पुलिस ने वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर कल शाम रिमांड पर लिया था। पुलिस इस मामले में बेचे गये तीन बच्चों को पहले ही बरामद कर चुकी है।
इससे पूर्व गुरुवार को इंडियन बिशप्स कांफ्रेंस के महासचिव बिशप थियोडोर मैस्करेनहास ने यहां दावा किया था कि मदर टेरेसा की ‘मिशनरीज आफ चैरिटी’ बच्चों की खरीद-फरोख्त से जुड़े हाल में उजागर हुए रैकेट में बिल्कुल भी शामिल नहीं है और यदि कोई एक सिस्टर इस मामले में दोषी भी है तो उसकी गलती के लिए पूरी मिशनरी को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। बिशप मैस्करेनहास ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘मिशनरीज आफ चैरिटीज बच्चों के बेचने के मामले में बिलकुल भी शामिल नहीं है। वैसे तो इस मामले में गिरफ्तार सिस्टर कंसीलिया ने भी अपने वकील को बताया था कि वह बच्चों को बेचने में कहीं से भी शामिल नहीं है। उससे पुलिस ने दबाव में यह बयान लिया है कि उसने बच्चों को बेचा था।’’
#WATCH: A nun of Missionaries of Charity says,” I have sold two more babies. I don’t know where they are now.” She is one of the two nuns who was arrested by Ranchi police on charges of child trafficking on July 9. Police say ‘3 out of 4 children have been recovered.’ #Jharkhand pic.twitter.com/V9DO2pQrbW
— ANI (@ANI) July 14, 2018
बिशप के दावों का खंडन करते हुए रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता ने पहले ही कहा था, ‘‘इंडियन बिशप्स कांफ्रेंस के महासचिव बिशप थियोडोर मैस्करेनहास द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है। पुलिस ने बच्चों को बेचे जाने के मामले में मिशनरी आफ चैरिटीज की सिस्टर कंसीलिया को गिरफ्तार करने के बाद उसके बयान और उससे मिली सूचनाओं के आधार पर ही चार बच्चों में से तीन को विभिन्न स्थानों से छापे मारकर हासिल किया है और बचाया है। ऐसे में यह बात कैसे सही हो सकती है कि सिस्टर से पुलिस दबाव में बयान लिया गया है?’’