मजदूरों में भूतों का डर खत्म करने खुद ही श्मशान में खटिया डाल सो गए विधायक जी
आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के विधायक मजदूरों में भूतों का डर खत्म करने के लिए श्मशान में सो गए। पालाकोल विधानसभा सीट से विधायक निम्माला रामा नायडू ने शुक्रवार (22 जून) को श्मशान में ही रात का भोजन किया और फोल्डिंग पलंग बिछाकर सो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीडीपी के विधायक ने ऐसा कदम इसलिए उठाया ताकि श्मशान के नवीनीकरण में लगे मजदूरों के भीतर से भूतों का डर खत्म किया जा सके। नायडू ने मीडिया को बताया, ”मैं इसी जगह पर दो या तीन दिन और सोने जा रहा हूं। इससे उन श्रमिकों में आत्मविश्वास पैदा होगा, जो निर्माण के काम मे लगने के लिए परिसर में प्रवेश करने से डरे हुए थे।” विधायक नायडू ने बताया कि शहर में हिंदू श्मशान दशकों तक उपेक्षित रहा है। उन्होंने कहा कि मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान में उचित सुविधाएं नहीं हैं, बरसात के दौरान पूरे श्मशान के मैदान में पानी भर जाता है और जगह कदम रखने लायक भी नहीं बचती है। अंतिम संस्कार के बाद लोगों के लिए नहाने के पानी की सुविधा नहीं है। श्मशान के ठीक बगल में एक बड़ा सा कूड़ा घर है जिससे बदबू निकलती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय लोगों के कई प्रस्तावों के बाद, आठ महीने पहले विधायक को सरकार द्वारा स्वीकृत 3 करोड़ रुपये की राशि मिली थी ताकि वह इसकी जगह पर एक नया श्मशान तैयार करा सकें। विधायक नायडू ने कहा, ”हम अंतिम संस्कार के लिए नए प्लेटफॉर्म, बगीचा, स्नानघर और अन्य सुविधाएं देकर इस जगह का पूर्णतया आधुनिकीकरण करना चाहते थे। दुर्भाग्यवश कोई ठेकेदार काम के लिए नहीं आया, हालांकि हमने दो बार निविदाएं निकालीं।” आखिरकार नायडू करीब दो महीने पहले काम के लिए एक ठेकेदार का प्रबंध करने में सफल रहे लेकिन मजदूर डरे हुए थे।
कुछ दिनों पहले मजदूरों ने लाश का एक जला हुआ हिस्सा देखा और भूत-प्रेत से भयभीत होकर काम करने से मना कर दिया था। नायडू के मुताबिक तभी उन्हें मजदूरों में से भूत-प्रेत का डर दूर करने के लिए श्मशान में सोने का विचार आया। नायडू ने बताया कि उनके ऐसा करने से काम बन गया, करीब 50 मजदूर काम पर लौट आए।