गुस्साई भीड़ ने पुलिस चौकी पर धावा बोल रेप के आरोपियों को बाहर घसीटा और जिंदा जला दिया
अरुणाचल प्रदेश में भीड़ ने नाबालिग से रेप के दो आरोपियों को पुलिस स्टेशन से बाहर निकालकर बुरी तरह पीटा और जिंदा जला दिया। घटना सूबे के लोहित जिले की बताई जाती है। मृतकों की पहचान संजय सोबोर (30) और जगदीश लोहार (25) के रूप में की गई है, जो असम में चाय बगान में काम करते थे। रिपोर्ट के अनुसार, रेप के आरोपियों को उग्र भीड़ ने पहले पुलिस स्टेशन से बाहर निकाला और फिर घसीटकर नजदीकी चौराहे पर ले गई। वहां पीट-पीटकर दोनों का बुरा हाल कर दिया और दोनों को आग लगा दी। इसके बाद भीड़ ने शवों को मार्केट एरिया में ही डाल दिया। इस हमले में पुलिस के कुछ लोग भी घायल हुए हैं। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 12 फरवरी को करीब छह वर्षीय बच्ची वाकरो स्टेशन के नजदीक एक गांव से लापता हो गई।
बाद में परिजनों को नाबालिग बच्ची का शव नामगो जंगल में मिला। बच्ची का सिर धड़ से अलग था। उसके शरीर पर घाव के गहरे निशान थे। उसके शरीर से खून बह रहा था। बाद में बच्ची से रेप और हत्या के आरोप में पुलिस ने दो आरोपियों सोबोर और लोहार को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों ने पुलिस के समक्ष अपराध कबूल किया। बीते रविवार को दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस रिमांड पर भेजा गया। इसकी खबर स्थानीय लोगों को लग गई। देखते-देखते थाने के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने थाने में तोड़-फोड़ करते हुए आरोपियों को लॉकअप से बाहर निकाला और पीटते हुए चौराहे पर लाई और जिंदा जला डाला।
अब दोनों आरोपियों की हत्या के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। वहीं, तीन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त भी किया गया है। आरोप है कि वो ड्यूटी के वक्त भीड़ को रोकने में नाकाम रहे थे। दूसरी तरफ, लोहित जिले के एसपी का तबादला कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या की घटना को ‘बर्बर और अमानवीय’ बताया है। वहीं, भीड़ द्वारा दो लोगों की हत्या को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।