गुजरात में दलित वोट कम होने का मोदी को मिला फायदा
भारतीय जनता पार्टी के नारे घर-घर मोदी की इस बार असलियत परख ली गई। गुजरात चुनाव में खुद बेघर होने से बाल-बाल बचे हैं नरेंद्र मोदी। उनके बचने की सिर्फ एक ही वजह रही, गुजरात में दलित वोट बैंक का कम होना। अगर अन्य राज्यों की तरह गुजरात में भी 18 से 20 प्रतिशत दलित मतदाता होते तो इस बार वहां भारतीय जनता पार्टी की सत्ता में वापसी नामुमकिन थी।’ अपने 62 वें जन्मदिन पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मीडिया से मुखातिब होते हुए यह बात कही। दलित नेता के तौर पर तेजी से देश में पहचान रहे जिग्नेश मेवाणी से बहनजी को खतरा महसूस हो रहा है। यही वजह है कि उन्होंने अपने जन्मदिन के दिन जिग्नेश मेवाणी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बलबूते बतौर निर्दलीय प्रत्याशी यह चुनाव नहीं जीता। उन्हें जीत दिलाने में कांग्रेस और हार्दिक पटेल ने भी महती भूमिका अदा की। कांग्रेस ने जिग्नेश के समक्ष अपना कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया। अब वह देश में जगह-जगह जाकर दलित मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में हंै। ब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को पूर्ववती भारतीय जनता पार्टी और उसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग करार देते हुए बहनजी ने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इशारों पर काम कर रही है। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के संभावित गठबंधन को इशारों में खारिज करते हुए मायावती बोलीं, कांग्रेस आज संविधान के संकट में होने का हवाला देकर दलित मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में है। उनसे यह पूछना चाहिए कि वर्ष 1951 में डॉ भीमराव अांबेडकर ने कानून मंत्री के पद से त्यागपत्र क्यों दिया था। कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए। दलितों के प्रति कांग्रेस के मन में इतना ही सम्मान था तो केंद्र में पांच दशकों तक सरकार रहने के बाद भी डॉ आंबेडकर को भारत रत्न क्यों नहीं प्रदान किया गया। बहनजी ने सवाल किया कि केंद्र में सरकार रहने के दौरान मंडल आयोग की सिफारिशों को कांग्रेस ने क्यों लागू नहीं किया।
बसपा सुप्रीमों ने वर्तमान नरेंद्र मोदी की सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में भी दलितों के प्रति रोज अत्याचार हो रहे हैं। ऐसी घटनाओं की देश भर में बाढ़ आ गई है। पूरा देश इसे जानता है। वे इन्हें दोहराना नहीं चाहतीं। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा और पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का ठीकरा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन पर फोड़ते हुए मायावती ने कहा कि इस मशीन के जरिए ही भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बसपा को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। राज्यसभा से त्यागपत्र देने की टीस भी आज मायावती बयां कर गर्इं। उन्होंने कहा कि दलितों के मसले पर बोलने न देने की वजह से ही उन्होंने राज्यसभा से त्यागपत्र दिया।