यूपी की छवि पर चिंतित हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को दी ये सलाह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से कहा है कि वह राज्य की कानून व्यवस्था को सुधारें और दुरुस्त करें। ये बात उन्होंने करीब एक घंटे तक चली सीएम योगी और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा की मौजूदगी में कही। मीटिंग में गोरखपुर के बीआरडी हॉस्पिटल में बच्चों की मौत का भी मुद्दा भी उठाया गया। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ऐसे कदम उठाए जिससे सरकार की छवि खराब करने वाली घटनाएं सूबे में दोबारा ना हों। संचालन समिति की बैठक के दूसरे दिन कई नेताओं ने जीएसटी, नोटबंदी के नकारात्मक प्रभावों पर भी चर्चा की। पता चला है कि इन नेताओं ने चिंता जताई की नोटबंदी की वजह से चार महीने तक लोगों को परेशानी हुई लेकिन इसके वांछित परिणाम नहीं मिले। सूत्रों के अनुसार आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने जीएसटी को सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि इसके इच्छित परिणाम नहीं मिले हैं। मीटिंग में पिछली यूपीए सरकार की गलतियों से सीखने की भी नसीहत दी गई।
हाल ही में आरबीआई द्वारा जारी आंकड़े में बताया गया था कि नोटबंदी के बाद 1000 रुपए और 500 रुपए के 99 फीसदी नोट वापस आ गए हैं। इससे काले धन पर लगाम लगाने के इरादे के नाकाम होने के संकेत मिलते हैं। मीटिंग में इस बात पर भी ध्यान दिलाया गया कि इन कदमों से छोटे व्यापारियों और कामगारों को नुकसान हुआ। जो भाजपा की रीढ़ की हड्डी हैं। वहीं भागवत ने यूपी में बढ़ते अपराध ग्राफ पर अपनी नाराजगी व्यक्त करने में कोई बात नहीं की। हालांकि उन्होंने दलित-ठाकुर विवाद पर अपनी चिंता जाहिर की। जिसमें हाल के दिनों में रेप, बलात्कार, ऑनर किलिंग की घटनाएं प्रमुख रूप से सामने आईं है। उत्तर प्रदेश पुलिस के अपराध के आंकड़ों के अनुसार इस साल 15 मार्च से 15 अप्रैल के बीच पिछले साल के मुकाबले रेप की घटनाओं में चार गुनी और हत्या की घटनाएं दोगुनी हो गई है। जबकि लूट की घटनाओं में कई गुणा की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल के आंकड़ों की बात की करें साल 2016 में बलात्कार की 41 घटनाएं सामने आईं थी जबकि इस साल अबतक 179 बलात्कार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जबकि इसी पीरियड में लूट की घटनाएं तीन से बीस तक पहुंच चुकी हैं।