लियोनार्डो द विंसी की 500 साल पुरानी पेंटिंग हुई नीलाम, रिकॉर्ड 45.03 करोड़ डॉलर में बिकी
पुनर्जागरण काल के महान चित्रकार लियोनार्डो द विंसी की मानी जा रही 500 साल पुरानी एक पेंटिंग ‘साल्वाटर मुंडी’ को एक नीलामी में 45.03 करोड़ डॉलर में खरीदा गया। यह अब तक की सबसे महंगी बिकने वाली पेंटिंग बन गई है। नीलामी करने वाली संस्था क्रिस्टी ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले सबसे महंगी पेंटिंग का कीर्तिमान पाब्लो पिकासो की ‘द वीमेन ऑफ अल्जियर्स’ के नाम था। पिकासो की यह पेंटिंग 2015 में 17.94 करोड डॉलर में बिकी थी। इसकी भी नीलामी क्रिस्टी ने ही की थी।
क्रिस्टी ने बताया कि साल्वाटर मुंडी अर्थात सेवियर ऑफ द वर्ल्ड पेंटिंग में ईसा मसीह को चित्रित किया गया है। यह उन चुनिंदा 20 पेंटिंग में से है जिसे आम तौर पर विंसी की कृति के तौर पर स्वीकार किया जाता है। विंसी की यह पेंटिंग करीब 1500 ई के पास की मानी जा रही है। इसे अमेरिका की एक क्षेत्रीय नीलामी में 2005 में पाया गया था। इसके बाद लंबे समय तक इसकी सत्यता प्रमाणित करने का शोध किया गया। सत्यता के दस्तावेजीकरण हो जाने के बाद इसे लंदन के द नेशनल गैलरी में 2011 में प्रदर्शित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को नीलामी के लिए रखा गया अब तक का सबसे बड़ा हीरा 220.49 करोड़ रुपए (3.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर) में नीलाम हुआ। नीलामी करने वाली कंपनी क्रिस्टी ने बताया था कि इस तरह के रत्न की इतनी बड़ी नीलामी का यह एक विश्व कीर्तिमान है। यह हीरा 163.41 कैरट का है जो किसी भी त्रुटि से परे है। यह ‘डी’ रंग हीरा है। हीरे के रंगो का विभाजन ‘डी’ से शुरु होता है और डी रंग किसी हीरे का सबसे उन्नत रंग होता है क्योंकि यह हीरे के मूल रंग को परिभाषित करता है। इसका मतलब वास्तव में रंगहीन होना होता है क्योंकि हीरा पारदर्शी होता है।