खुद को चीफ जस्टिस का बेटा बताने वाले ढोंगी को पुलिस ने मर्डर के आरोप में दबोचा
पिछले साल संपत्ति के विवाद पर एक परिचित की हत्या के आरोप में शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश के बेटे होने का नाटक कर रहे शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि आरोपी वरुण उर्फ वर्धमान ने नकली पहचान इसलिए बनाई, ताकि वह बॉलीवुड सितारों से मिल सके। पुलिस के मुताबिक वरुण पटना से है और वह फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से दोस्ती करने का रास्ता खोज रहा था। पुलिस ने कहा कि वह सीजेआई का बेटा बनने का ढोंग कर रहा था। वह महंगी गाड़ियां हायर करता था और जहां भी जाता था, साथ में बाउंसर्स को लेकर जाता था।
फरीदाबाद पुलिस के पीआरओ सूबे सिंह ने दावा किया, ”वह मुंबई के नामी होटलों में ‘संजय दत्त और राज कुंद्रा’ से मिल चुका है। वह एेसी जगहों पर इसलिए रहता था, ताकि लग्जरी लाइफ का लुत्फ उठा सके। एेसी शाही जिंदगी जीने के लिए 2016 में उसने पटना में अपने पिता को बिना बताए पारिवारिक जमीन बेच दी थी। यह बिक्री प्रवीन विश्कर्मा के जरिए हुई थी, जिसकी कथित तौर पर पिछले हफ्ते उसने हत्या कर दी थी”। सिंह ने कहा, ”उसने खरीददारों को आश्वासन दिया और 1 करोड़ रुपये लेकर शहर से फरार हो गया। उसने राजधानी के एक पॉश एरिया में फ्लैट खरीदा, जहां वह अपने बाउंसर्स के साथ रहता था”।
जब विश्कर्मा ने उसे जमीन की रजिस्ट्री के लिए परेशान करना शुरू कर दिया तो वरुण ने उसे कुछ प्रॉपर्टी दिखाने के बहाने फरीदाबाद बुलाया और पाली इलाके में एक दिसंबर को गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि उसने विश्कर्मा को दिल्ली तक का एयर टिकट दिया और पार्क प्लाजा होटल में उसके लिए एक कमरा भी बुक किया। सिंह ने कहा, ”प्रॉपर्टी दिखाने के बहाने की बात कहकर उसे लेने के लिए एक इनोवा भेजी गई थी। उसके होटल छोड़ते ही वरुण और बाउंसर्स ने उसका पीछा गया। जैसे ही वह पाली में हिल्स पर पहुंचे, ड्राइवर को कॉल कर गाड़ी रोकने को कहा गया। विश्कर्मा को कथित तौर पर गाड़ी से खींचकर झाड़ियों में ले जाकर बुरी तरह पीटा गया और फिर गोली मार दी”। इसके बाद आरोपी दो गाड़ियों में बैठकर फरार हो गए। वरुण, गजेंन्द्र और रणधीर ने मुंबई की फ्लाइट ली। वह करीब एक महीना नेपाल, कोलकाता, पटना और मथुरा में छिपते रहे।