शुरू हुई बाबा धाम की कांवड़ यात्रा, मुसलमानों ने भी कांवड़ थामकर कायम की भाईचारे की मिसाल
गोरखपुर मण्डल के देवरिया जिले में गंगा-जमुनी तहजीब और भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए करीब 15 मुसलमानों ने कांवड़ थामकर बाबा धाम की यात्रा शुरू की।देवरिया के रामपुर कारखाना स्थित कुशाहरी गांव में 70 कांवड़ियों ने बिहार स्थित बाबा धाम की यात्रा शुरू की। इनमें 15 मुस्लिम भी शामिल हैं। ये श्रद्धालु पहले बस से बिहार के सुल्तानगंज पहुंचते हैं और वहां गंगा से पानी लेकर करीब 105 किलोमीटर दूर झारखण्ड के जसीडीह स्थित बाबा धाम मंदिर में पैदल जाकर जल चढ़ाते हैं। ग्राम प्रधान निजाम अंसारी की पहल पर अन्य मुस्लिम लोगों ने भगवा वस्त्र धारण कर अपने खर्च पर कांवड़ यात्रा में शिरकत की। कांवड़ियों की बस को झंडी दिखाकर रवाना किया गया।अंसारी ने संवाददाताओं से कहा कि वह चाहते हैं कि गांव के सभी लोग सभी धर्मों से जुड़े आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, ताकि वे एक-दूसरे के और करीब आयें तथा समाज की सेवा के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें।3
इस कांवड़ यात्रा को हरी झंडी दिखाने वाले समाजसेवी डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि कुशाहरी गांव में गंगा-जमुनी तहजीब की वास्तविक मिसाल पेश की गयी है। भाईचारा मजबूत करने के लिये यह बहुत अच्छा कदम है। खुशी है कि दोनों समुदायों के लोग प्रेम और एकता की नयी मिसाल कायम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज को इससे प्रेरणा लेनी चाहिये तथा किसी भी तरह की नफरत को भुलाकर शांति और प्रेम को अपनाना चाहिये।
बता दें कि झारखंड के देवघर धाम में आज से कांवर यात्रा शुरू हो रही है। पूरे सावन चलने वाली इस यात्रा में देश-विदेश से लाखों कांवरिये आते हैं और बिहार के सुल्तानगंज से जल ले जाकर देवघर स्थित बाबा धाम पर अर्पित करते हैं। ये दूरी 105 किलोमीटर है। कई लोग पैदल जाकर जल अर्पित करते हैं, तो कई लोग गाड़ियों से सुल्तानगंज से देवघर जाते हैं। उत्तर प्रदेश से हजारों यात्री इस तीर्थ यात्रा में आते हैं। देवघर में कांवर यात्रा के लिए व्यापक इंतजाम किये गये हैं।