तीन तलाक पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की पर जनमत संग्रह की मांग

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने तीन तलाक के मसले पर कहा है कि वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से सम्मान के साथ असहमत हैं, इस मसले पर वे मुस्लिम महिलाओं से जनमत संग्रह (रेफरेंडम) की भी मांग करेंगे। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को आयोजित मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में हिस्सा लेने आए नोमानी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि वे तीन तलाक को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का जो फैसला आया है, उससे सम्मान के साथ असहमति (रिस्पेक्टफुली डिसएग्री) जताते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “एक तरफ 50 महिलाएं हैं और दूसरी ओर पांच करोड़ महिलाएं, उनकी राय लीजिए, हम तो मांग करेंगे कि तीन तलाक के मामले में रेफरंडम कराइए, ताकि मुस्लिम महिलाओं को अपनी बात कहने का हक मिले। साथ ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।” नोमानी ने समाज में जागृति लाने के सवाल पर कहा, “ये कोई नई बात नहीं है, हमारे देश ही नहीं, दुनिया में धर्म प्रमुखों का काम है अपने धर्म के पुरुषों और महिलाओं को जागृत करना। ऐसा कर भी रहे हैं।” ज्ञात हो कि रविवार को हुई बोर्ड की बैठक में केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया था और कहा गया था कि सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ पर हमला कर रही है। सोमवार को भी इशारों इशारों में तमाम महिलाओं और धर्म गुरुओं ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

 

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