पिता और पति के यौन शोषण से परेशान मूक-बधिर युवती जब फांसी के फंदे पर झूलने जा रही थी तभी…
अपने पिता और पति के जुल्मों से परेशान एक मूक-बधिर युवती फांसी के फंदे पर झूलने जा रही थी। लेकिन इंदौर की एक संस्था और पुलिस की मदद से उसे समय रहते बचा लिया गया। पूरा मामला राजस्थान के हनुमानगढ़ी का है। हुआ ये कि इंदौर के सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित के पास एक वीडियो कॉल आई जिसमें पीड़िता मदद की गुहार लगाते हुए आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी। लड़की का आरोप था कि उसके पिता और पति दोनों उसके साथ हिंसा और यौन शोषण करते हैं। लड़की के मुताबिक एक दिन पहले भी उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। लड़की ने ज्ञानेंद्र पुरोहित को जब वीडियो कॉल किया तो उसे देख वो हैरान हो गए। लड़की ने पंखे से दुपट्टा बांध फंदा अपने गले में डाल रखा था। ज्ञानेंद्र पुरोहित की टीम ने उससे सांकेतिक भाषा में बात करते हुए उसे ऐसा ना करने की अपील की। लेकिन लड़की फंदे के अपने गले से नहीं निकाल रही थी।
समझदारी दिखाते हुए ज्ञानेंद्र पुरोहित की टीम ने सांकेतिक बाषा में उसकी बातें सुनीं और जानने की कोशिश की कि वह ऐसा क्यों कर रही है। इतनी देर में पुरोहित ने वीडियो कॉलिंग का नंबर निकाल राजस्थान पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए तेजी दिखाई और फोन नंबर से लड़की का एड्रेस ट्रेस कर वहां पहुंच गई। हालांकि पुलिस को लड़की के घर तक पहुंचने में 4 घंटे लग गए लेकिन उसने किसी तरह लड़की को फांसी लगाने से बचा लिया।
फांसी के फंदे पर लटकने जा रही थी मूक-बधिर लड़की, वीडियो कॉल पर बचा ली जान
फांसी के फंदे पर लटकने जा रही थी मूक-बधिर लड़की, वीडियो कॉल पर बचा ली जानhttps://www.jansatta.com/rajya/madhya-pradesh/indore/mute-girl-attempting-suicide-counsellers-saved-her-life/604843/
Posted by Jansatta on Friday, March 16, 2018
लड़की ने अपने पिता पर आरोप लगाया है कि वह उसके साथ यौनाचार करता थआ। कुछ दिनों पहले उसने उसकी शादी एक मूक-बधिर लड़के से कर दी। शादी के बाद पति भी उसके साथ हिंसा करता था। लड़की ने इशारों में पुरोहित को बताया कि एक दिन पहले उसके पिता उससे मिलने ससुराल आए थे। ससुराल में भी पिता ने उसके साथ यौनाचार किया।
खबर लिखे जाने तक आरोपी पिता और पति के खिलाफ किसी तरह की पुलिस शिकायत दर्ज होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि राजस्थान पुलिस के पास मूक-बधिर विशेषज्ञ नहीं है जिससे पीड़िता की बात सुनी जा सके।