Nag Panchami 2018: जानिए क्या है नाग पंचमी का महत्व और व्रत कथा

Nag Panchami 2018: हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए नाग पंचमी एक खास त्योहार है। इस दिन नाग देवता या सांप की पूजा की जाती है। देश के कई हिस्सों में सांपों को दूध भी पिलाया जाता है। दरअसल हिंदू धर्म में देवी-देवता के साथ ही उनके प्रतीकों और वाहनों की पूजा करने की भी परंपरा है। मालूम हो कि नाग को भगवान शंकर के गले का हार और विष्‍णु जी की शैय्या माना जाता है। ऐसे में  नाग (सांप) की पूजा किया जाना कोई हैरान करने वाली बात नहीं है। मान्यता है कि नाग पंचमी पर नाग की पूजा करने से व्यक्ति को उससे होने वाले किसी भी तरह के नुकसान की संभावना समाप्त हो जाती है।

व्रत कथा: एक बार किसी गांव में एक किसान रहता था। किसान के एक बेटी और दो बेटे थे। किसान बहुत मेहनती था। अपने परिवार को पालन पोषण के लिए वो खुद हल चलाता था। एक दिन हल जोतते हुए किसान ने गलती से एक नागिन के अंडों को कुचल दिया और सभी अंडे नष्‍ट हो गए। नागिन खेत में नहीं थी। जब वह लौटी तो बहुत गुस्सा हुई और उसने बदला लेने की ठानी ली। नागिन ने कुछ ही समय बाद किसान के बेटों को डस लिया, जिससे दोनों की मौत हो गई।

नागिन किसान की बेटी को भी डसना चाहती थी। लेकिन वो घर पर नहीं थी। अगले दिन नागिन फिर किसान के घर आई तो देखकर बहुत हैरान हुई, क्योंकि किसान की बेटी ने नागिन के सामने एक कटोरी में दूध रख दिया और नागिन से माफी मांगने लगी। किसान की बेटी के इस रवैये से नागिन बहुत खुश हुई और नागिन ने दोनों भाइयों को जीवित कर दिया। यह घटना श्रावण शुक्ल की पंचमी को हुई थी, यही कारण है कि इस दिन नागों की पूजा की जाती है।

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