जानिए उस खूनी इतवार का किस्सा, जब नौ मौतों के बाद भी नागपुर स्टेडियम में नहीं रुका था मैच

26 नवंबर को अकसर देशवासी मुंबई हमले की बरसी के तौर पर याद रखते हैं। लेकिन आज ही के दिन भारत के एक क्रिकेट स्टेडियम में एेसी घटना हुई थी, जिसमें करीब 9 लोगों की जान चली गई थी। साल 1995 में नागपुर के विदर्भ क्रिकेट असोसिएशन स्टेडियम को पांच साल में पहला वनडे होस्ट करने का मौका मिला था। छुट्टी का दिन था, इसलिए मैदान में बहुत ज्यादा दर्शक आए थे। इस मैच में भारत और न्यू जीलैंड की भिड़ंत हुई थी। दोनों टीमें इसी मैदान पर 1987 के वर्ल्ड कप में टकराई थीं, जहां चेतन शर्मा हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बने थे। इसके बाद सुनील गावस्कर ने शानदार शतक लगाकर टीम को 9 विकेटों से जीत दिलाई थी।

क्या हुआ था: मेहमान टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 348 रनों का स्कोर खड़ा किया, लेकिन पवेलियन में बैठे दर्शकों के बीच जो हुआ, उसे देखकर हर कोई हिल गया। ईस्ट पवेलियन थर्ड टीयर पर बैठे दर्शकों ने नीचे आने की कोशिश की और जो दूसरे टीयर में बैठे थे, उन्होंने इंटरवल के समय ऊपर बैठने की कोशिश की। इस वजह से नई बनी दीवार अधिक दबाव के कारण ढह गई। दीवार का मलबा लोअर स्टैंड्स के दर्शकों पर आकर गिरा, जिससे 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 6 ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। 70 लोग हादसे में घायल हो गए। इतना भयंकर हादसा होने पर भी वीसीए अधिकारियों ने न तो मैच को रोका और न ही इस बारे में खिलाड़ियों को सूचना दी। जांच में पाया गया कि दीवार को बिना रीइन्फॉर्स्मन्ट के बनाया गया था। आर्किटेक्ट और कॉन्ट्रैक्टर समेत 4 लोगों को लापरवाही का आरोप लगाया गया।

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