उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले- भारत में महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी की वजह विदेशी शासन

देश में बढ़ते महिला अपराधों को लेकर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी अपने विचार जाहिर किए हैं। उन्होंने महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी का ठीकरा भारत में रहे विदेशी शासन पर फोड़ा। गुरुवार 19 अप्रैल को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 31वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने हालांकि कठुआ और उन्नाव की गैंगरेप की घटना का सीधे जिक्र नहीं किया, मगर महिला के सम्मान पर काफी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत में हमेशा से महिलाओं को सम्मान मिलता आया है।

उन्होंने भारतीय परंपराओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि कि देश को भारत माता कहते हैं और बड़ी नदियों को महिलाओं का नाम देकर उनकी पूजा की जाती है। वैंकैया नायडू ने कहा कि यह शर्मनाक बात है कि ऐसी परंपरा होने के बावजूद महिलाओं को वह सम्मान नहीं दिया जा रहा है, जिसकी वो हकदार हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्षों तक देश में रहा विदेशी शासन जिम्मेदार है।

नायडू ने युवाओं और छात्रों को हिंसा से दूर रहकर अनुशासित रहने और देश के विकास का नजरिया रखने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि हर मुद्दे का समाधान शांतिपूर्वक हो सकता है। इसके लिए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी समस्याओं पर सार्थक बहस होती है और रचनात्मक बहस से ही जवाब मिलता है। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। हिंसा से समाधान नहीं हो सकता है। शिक्षा और रोजगार के बीच कड़ी का जिक्र करते हुए नायडू ने छात्रों को नए अवसर प्राप्त करने के लिए जानकारी और कौशल हासिल करने को कहा।

 

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