ब्रिटेन में बोले नरेंद्र मोदी: किसी पर बोझ न बनूं, हंसते-खेलते ऊपर चले जाना चाहता हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के मशहूर वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में डेढ़ हजार से अधिक लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तमाम लोगों के सवालों के जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में मोदी ने भावुक हो गए। उन्होंने कहा-मैं चाहता हूं कि किसी पर बोझ न बनूं, हंसते-खेलते ऊपर चला जाऊं।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल हुआ था कि 20-20 घंटे काम की ऊर्जा कहां से लाते हैं। इस सवाल पर मोदी ने पहले कहा कि इसके कई जवाब हो सकते हैं। एक जवाब यह कि मैं पिछले दो दशक से रोज एक किलो, दो किलो गालियां खाता हूं। सीधी सरल बात कहूं तो आपने पुरानी कहानी सुनी होगी। पहाड़ पर एक संत बैठे थे तो उनकी नजर आठ साल की बच्ची पर पड़ी, जो तीन साल के भाई को उठाकर चढ़ाई कर रही थी। संत ने पूछा-क्या तुम्हें थकान नहीं लग रही है तो बच्ची ने जवाब दिया कि यह तो मेरा भाई है। संत ने दोबारा सवाल किया तो फिर बच्ची ने वही जवाब दिया। तीसरी बार संत ने कहा कि मैं रिश्ता नहीं, थकान के बारे में पूछ रहा हूं तो बच्ची ने कहा-ये तो मेरा भाई है, भाई की कैसी थकान। मोदी ने कहा कि इसी तरह मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों को अपना परिवार मानता हूं। जहां पर आप अपनापन महसूस करते हैं, वहां थकान नहीं लगती।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज प्रधानमंत्री हूं तो लोग चाय-पानी लाएंगे। कल मैं किसी पर बोझ नहीं बनना चाहता। मैं हंसते-खेलते बात करते हुए चला जाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि शरीर को जितना फिट रख सकता हूं, उतनी कोशिश करता हूं। नियमानुसार जीने की कोशिश करता हूं। उन्होंने कहा कि आपको विरासत में बहुत कुछ मिल सकता है, मगर फिट रखने का काम खुद करना होगा। मोदी ने कहा कि हर पल त्रिपुरा, केरल या दिल्ली से कोई खबर आ जाती है, फिर मन करता है कि चलो उठो और दौड़ो। प्रसून जोशी के साथ चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जब भारत सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी देने के लिए पाकिस्तान फोन मिला रहा था तो वहां के सेना के जनरल फोन उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।

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