सूर्य को ‘स्पर्श’ करने के पहले मिशन के तहत नासा ने पार्कर सोलर प्रोब को रविवार के दिन सफलता पूर्वक लॉन्च किया। सूर्य के बाहरी वातावरण के रहस्यों पर से पर्दा उठाने और अंतरिक्ष के मौसम पर पड़ने वाले उसके प्रभावों को जानने के लिए यह मिशन सात साल का सफर तय करेगा। अमेरिका के केप केनेवरल एअरफोर्स स्टेशन पर स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 37 से रविवरा सुबह 3:31 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर) यान को रवाना किया गया। सूरज की परत को छूने वाला यह मिशन की लागत डेढ़ अरब अमेरिकी डालर है। अंतरिक्षयान को ले जाने वाले यूनाइटेड लॉन्च अलायंस डेल्टा 4 हेवी रॉकेट का प्रक्षेपण शनिवार को सीमा के उल्लंघन के कारण टाल दिया गया था। (All Photos- REUTERS)
लॉन्च करने के दो घंटे बाद नासा ने एक ब्लाग में लिखा, अंतरिक्षयान बेहतर स्थिति में है और यह स्वयं काम कर रहा है । पार्कर सोलर प्रोब सूरज को स्पर्श करने के अभियान पर चल पड़ा है। यह स्पेसक्राफ्ट सूरज के सात परिक्रमा लगाने के बाद लौटेगा।
यह पहला ऐसा अभियान है जिसे किसी जीवित वैज्ञानिक का नाम दिया गया है। इस अभियान का नाम 91 साल के यूगेनी एन पार्कर के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 1958 में सबसे पहले सौर हवाओं के होने के बारे में भविष्यवाणी की थी।
वेटरन वैज्ञानिक ने नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र में बैठकर प्रक्षेपण को देखा। पार्कर को यह मिशन सर्मिपत करने वाली एक पट्टिका मई में अंतरिक्षयान से जोड़ी गयी थी। इसमें भौतिक विज्ञानी का उद्धरण लिखा है, “चलिए देखते हैं कि आगे क्या होता है ।’’ इसमें एक मेमोरी कार्ड भी है। इसमें उन 11 लाख से अधिक लोगों के नाम हैं जिन्होंने सूरज को स्पर्श करने वाले इस अंतरिक्षयान के साथ यात्रा करने की इच्छा जहिर की थी ।
नासा ने कहा, इस अभियान के निष्कर्ष से अंतरिक्ष मौसम के बारे में पूर्वानुमान को सुधारने में अनुसंधानकर्ताओं को मदद मिलेगी। नासा विज्ञान अभियान निदेशालय के सहयोगी प्रशासक थामस जुरबुकान ने बताया, यह अभियान सचमुच एक तारे की ओर मानव की पहली यात्रा को चिन्हित करता है जिसका असर न केवल यहां धरती पर पड़ेगा बल्कि हम इससे अपने ब्रह्मांड को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।