छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा किए गये ब्लास्ट में 9 सीआरपीएफ जवान शहीद
नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बार फिर से बड़ा हमला किया है। माओवादियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में अर्धसैनिक बल के 9 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि पांच अन्य जवान घायल हैं। एएनआई के अनुसार, ये जवान 212वीं बटालियन के थे। आईईडी हमला सुकमा के किस्तराम इलाके में किया गया है। नक्सल विरोधी अभियान के विशेष डीजी (महानिदेशक) डीएम. अवस्थी ने बताया कि सीआरपीएफ का एक गश्ती दल किस्तराम से पलोडी की ओर जा रहे थे। जवान एंटी-लैंडमाइन व्हिकल में सवार थे। उसी वक्त नक्सलियों ने आईईडी से हमला कर दिया। उन्होंने घटनास्थल पर अतिरिक्त जवानों को भेजने की भी जानकारी दी है। बकौल अवस्थी, सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच गोलीबारी नहीं हुई है। बता दें कि नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले को नक्सलियों का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। इस इलाके में पूर्व में भी कई भीषण हमले हो चुके हैं, जिनमें कई जवानों को जान गंवानी पड़ी है।
A patrolling party was going from Kistaram to Palodi in an anti-landmine vehicle which was targeted by Naxals with an IED. Extra force has reached the spot, there is no firing at present: DM Awasthi, Special DG, Anti Naxal Operations on IED blast in #Chhattisgarh‘s Sukma pic.twitter.com/sI3BbqJzAR
— ANI (@ANI) March 13, 2018
#SpotVisuals from the site of IED blast by Naxals in Kistaram area of #Chhattisgarh‘s Sukma, 9 CRPF personnel have lost their lives. pic.twitter.com/iN4bQCETHH
— ANI (@ANI) March 13, 2018
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए शोक-संवेदना जताई है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं सुकमा धमाके में जान गंवाने वाले जवानों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करता हूं और हमले में घायल जवानों के शीघ्र ही ठीक होने की कामना करता हूं। मैंने सुकमा हमले के सिलसिले में सीआरपीएफ के महानिदेशक से बात की है। उन्हें तत्काल छत्तीसगढ़ जाने का निर्देश दिया गया है।’ नक्सलियों ने सुकमा में इससे पहले पिछले साल अप्रैल में भी बड़ा हमला किया था। जिले के बुरकापाल क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान भोजन कर रहे थे जब नक्सलियों ने उन पर पहले ग्रेनेड से हमला किया था। उसके बाद माओवादी ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे थे। इसमें अर्धसैनिक बल के 25 जवान शहीद हो गए थे। मार्च, 2017 में जिले के कोत्तराचेरू इलाके में नक्सलियों ने अचानक से धावा बोल दिया था, जिसमें 12 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद दंतेवाड़ा में भी सात जवानों की हत्या कर दी गई थी। बता दें कि वर्ष 2010 में नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के एक दल पर हमला कर दिया था, जिसमें 76 जवान शहीद हो गए थे। इसके तीन साल बाद जीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला बोल दिया था। इस हमले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे। मार्च, 2014 में जीरम घाटी में एक बार फिर से हमला किया गया था, जिसमें अर्धसैनिक बल के 14 जवान शहीद हो गए थे। नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित जिलों में व्यापक पैमाने पर विकास परियोजनाओं को अमल में लाया है। सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों के दूर-दराज वाले इलाकों में सड़क, स्कूल और अस्पताल का निर्माण किया गया है। नक्सली कई बार विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में खलल डालने की कोशिश करते रहे हैं।